रुड़की/संवाददाता
कोरोना महामारी का आतंक पूरी दुनिया में फैला हुआ है और इस बाबत भाजपा सरकार भी लोगों को जागरुक कर रही है। साथ ही इसका उल्लंघन करने पर जनता से आर्थिक जुर्माना भी वसूल रही है, जबकि सरकार के अधिकारियों और नेताओं को इस चालान में भी छूट है। चूंकि उन्हें कार्यक्रम में भी भीड़ इकट्ठा करने पर मना नही है। ग्रामीण अंचल में इस महामारी की क्या दशा और हालत है, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। कोविड 19 महामारी में ऐसे ही हालात ग्रामीण क्षेत्र के हर गांव का है। जहां न तो सफाई व्यवस्था दुरुस्त हैं और न ही सेनिटाइजर का छिड़काव होता है, लेकिन यहां प्रशासन द्वारा लगातार कोविड़ 19 के नियमों को जबरदस्ती थोपने का काम किया जा रहा है, जबकि इन गांवों के लोगों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से कितनी सुविधाएं मिल रही है, यह सभी को मालूम हैं। कुछ भी हो प्रदेश सरकार कोरोना की आड में आम जनता का इतना शोषण कर रही है, जिसका अंदाजा लगाना मुश्किल। इस महामारी से बचाव के उपाय सभी बता रहे है, लेकिन इस ओर सरकारी मशीनरी कितनी कामयाब हुई, यह ग्रामीण क्षेत्र में साफ दिखाई दे रहा है। जबकि कॉविड 19 में आम जनता अपनी आजीविका चलाने के लिए दिन रात मेहनत कर रही है और शहरी क्षेत्र में कॉरोना का भय अभी भी व्याप्त है। जबकि सरकार के अधिकारी बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं कि उनके द्वारा व्यवस्था को दुरुस्त रखा जा रहा है जबकि धरातल पर यह दावे बिल्कुल उलट है। रुड़की क्षेत्र के गांव माधोपुर हजरतपुर स्थित प्राथमिक जूनियर हाई स्कूल के ठीक सामने कूड़े का ढेर लगा हुआ है, जहां बच्चों का आना-जाना स्कूल में रहता है ओर डेंगू की बीमारी का प्रकोप लगातार क्षेत्र में बढ़ता जा रहा है। माधोपुर हजरतपुर के समाजसेवी मुसीर अली ने बताया कि कई बार प्रधान व विधायक देशराज करणवाल व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को यहां साफ-सफाई और सेनिटाइजर के छिड़काव के लिए प्रार्थना पत्र दिए गए, लेकिन किसी ने भी इस और मुड़कर नहीं देखा। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोरोना महामारी में भी सरकार भेदभाव की नीति अपना रही है।