हरिद्वार। कोविड-19 के तेजी से प्रसार के बीच प्रो. सौमित्र सतपथी के नेतृत्व में आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों के एक समूह ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक का उपयोग करते हुए महामारी के इलाज के लिए वाणिज्यिक मंजूरी के साथ उपलब्ध 10 एफडीए दवाओं के प्रभावी होने को लेकर पूर्वानुमान लगाया है। यह अध्ययन प्रतिष्ठित पत्रिका पीएलओएस वन में प्रकाशित हुई है। अध्ययन के अन्य सह लेखकों में सोवेश महापात्रा, प्रथुल नाथ, मनीषा चटर्जी, नीलाद्रि सिंह दास, दीपज्योति कलिता और पार्थ रॉय शामिल हैं।
क्लीनिकल ट्रायल को लेकर दवा के डिजाइन और प्रोटोकॉल में जटिलता अक्सर रोग के निदान के लिए अन्य विभिन्न दवा संयोजनों की प्रक्रिया को रोकती है। आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों ने कोविड-19 के उपचार के लिए इस्तेमाल की जा सकने वाली व्यावसायिक दवाओं के पूर्वानुमान के लिए मशीन लर्निंग-आधारित-एआई तकनीकों का सफलतापूर्वक उपयोग किया है।
प्रिसिंपल इनविजिलेटर एवं आईआईटी रुड़की में भौतिकी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर प्रो. सतपथी ने कहाकि हमारे अध्ययन ने बीमारी के इलाज के लिए दस एफडीए स्वीकृत व्यावसायिक दवाओं के इस्तेमाल को लेकर पूर्वानुमान लगाया है। अनुमानित कई दवाएं कोविड-19 के उपचार के लिए पहले से ही उपयोग में हैं, और कुछ परीक्षण में हैं। प्रो. सतपथी ने कहाकि समय की आवश्यकता को देखते हुए, हालिया दृष्टिकोण नए दवाओं के संश्लेषण के दौरान बहुत सारे संसाधनों और समय की बचत करेगा, और इस प्रकार चिकित्सकीय अनुसंधान से जुड़े समुदाय के लिए उपयोगी साबित होगा।
नाईव बेयस एल्गोरिथ्म पर आधारित मशीन लर्निंग (एमएल) मॉडल का उपयोग उन दवाओं की उपयोगिता के पूर्वानुमान के लिए किया गया था जिनका उपयोग कोविड-19 के उपचार के लिए किया जा सकता है। अध्ययन से पता चलता है कि लगभग दस एफडीए अनुमोदित वाणिज्यिक दवाओं का इस्तेमाल उपचार के लिए किया जा सकता है। इन दौरान यह भी पाया गया है कि एंटीरेट्रोवायरल दवा एंप्रेनावीर संभवतः चुनिंदा मानदंडों के आधार पर सबसे प्रभावी दवा होगी।