हरिद्वार। श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के संन्यासी बनने के बाद स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी की प्रमुख 2 संपत्तियों का बंटवारा भी हो गया है। कनखल स्थित आद्य काली शक्ति पीठ स्वामी कैलाशानंद गिरि की सन्यास दीक्षा के बाद उसे निरंजनी अखाड़े की आचार्य पीठ में तब्दील कर दिया गया है। जिसके ब ाद से यह सम्पत्ति निरंजनी अखाड़े की हो जाएगी। इसके साथ ही कैलाशानंद गिरी ने दक्षिण काली मंदिर अग्नि अखाड़े को देने की घोषणा की है। अपने जीते जी कैलाशानंद गिरी दक्षिण काली मंदिर के पीठाधीश्वर बने रहेंगे। स्वामी कैलाशानंद गिरी के बाद उनका शिष्य जो कि अग्नि अखाड़े का महंत होगा। वह इस पीठ का उत्तराधिकारी बनेगा।
बता दें कि अग्नि अखाड़े के महामण्डलेश्वर स्वामी रसानंद महाराज आद्य काली शक्ति पीठ के परमाध्यक्ष थे। बताया जाता है कि उक्त सम्पत्ति को स्वामी रसानंद महाराज की अनुयायी महादेवी नक्षत्रम ने बनवाया था। तथा इस सम्पत्ति को दो बच्चों के नाम कर दिया था। जिसके बाद से दोनों बच्चे उक्त सम्पत्ति के अधिकारी हैं। बावजूद इसके सम्पत्ति का बंटवारा कर दिया गया। बताया जाता है कि उक्त सम्पत्ति को लेकर न्यायालय में वाद विचाराधीन है।