हरिद्वार। निरंजनी अखाड़े के आचार्य पद पर होने वाले पट्टाभिषेक समारोह पर अनिश्चितता के बादल गहराते जा रहे हैं। अब कुछ संत भी इस समारोह के विरोध में अपने स्वर मुखर करने लगे हैं। जिस कारण से अखाड़े में होने वाला पट्टाभिषेक खटाई में पड़ सकता है।
सूत्र बताते हैं कि शनिवार को कुछ संतों की बैठक हुई जिसमें कुछ संत वह भी शामिल रहे जो आचार्य स्वामी प्रज्ञानानंद गिरि महाराज के पट्टाभिषेक समारोह में शामिल थे। सभी ने नये पट्टाभिषेक को परम्परा और मर्यादा के विपरीत बताते हुए कहाकि जिस प्रकार से आचार्य स्वामी प्रज्ञानानंद गिरि महाराज इस मसले को लेकर कोर्ट जाने की बात कह रहे हैं। यदि कोर्ट में उनकी आवश्यकता पड़ती है तो वे स्वामी प्रज्ञानानंद गिरि महाराज के पक्ष में अपनी गवाही देंगे। संतों को कहना था कि संतों को कार्य समाज को सही मार्ग दिखाना होता है। यदि संत ही असत्य के पक्ष में खड़े होकर उसका महिमामण्डन करने लगेंगे तो संत परम्परा के साथ मर्यादा को भी आघात पहुंचेगा। संतों के इस रूख के बाद मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।