हरिद्वार। सोमवार को श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी ने आचार्य मण्डलेश्वर पद से स्वामी प्रज्ञानानंद को निष्कासित कर दिया। निष्कासन का कारण उनकी अखाड़े के प्रति निष्क्रियता बताया। फिलहाल स्वामी प्रज्ञानानंद इसके खिलाफ न्यायालय की शरण लेने की बात कह रहे हैं।
बता दें कि स्वामी प्रज्ञानानंद गिरि महाराज के निष्कासन के बाद एक और आचार्य मण्डलेश्वर के पद से निष्कासन की तलवार लटकी हुई है। सूत्र बताते हैं कि पूर्व में बने आचार्य मण्डलेश्वर ने अखाड़े में कुछ धनराशि आचार्य बनने की एवज में देने की बात कही थी। जिसमें से कुछ धनराशि व अपने से संबंधित अखाड़े को दे चुके हैं। बावजूद इसके कुछ धनराशि देना अभी शेष है। जबकि शेष धनराशि देने के लिए अखाड़ा उन पर लगातार दवाब बना रहा है। जबकि की वर्तमान में उनकी हालत पतली है। सूत्र बताते हैं कि आचार्य की मेरठ जिले में एक पुश्तैनी सम्पत्ति सामने आयी है। जिस पर आचार्य मण्डलेश्वर का अधिकार है। अब अखाड़े के संत आचार्य पर सम्पत्ति बेचकर धनराशि अखाड़े में जमा करने का दवाब बना रहे हैं। फिलहाल आचार्य की आर्थिक स्थिति थोड़ी पतली बतायी जा रही है। जबकि अखाड़ा शेष राशि देने का दवाब बना रहा है। सूत्र बताते हैं कि यदि कुंभ तक शेष राशि आचार्य द्वारा जमा नहीं की जाती तो कुंभ समाप्ति पर उनका निष्कासन होना भी तय है।