हरिद्वार। ऑनलाइन स्पोकेन संस्कृत कोर्स का समापन आज समापन हो गया। जिसमें 32 देशों के 5000 से अधिक प्रतिनिधियों ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया। सुभाषितम् संस्कृतम नामक इस पहल का ऑनलाइन आयोजन संस्कृत क्लब, आईआईटी रुड़की और गैर-सरकारी संगठन, संस्कृत भारती द्वारा किया गया। इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पद्म भूषण से सम्मानित पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ. एन गोपालस्वामी और विशिष्ट अतिथि डॉ. पी नंदकुमार, कोर्स डिजाइनर व अंतर्राष्ट्रीय समन्वयक, संस्कृत भारती उपस्थित रहे। बीवी आर मोहन रेड्डी, अध्यक्ष, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स, आईआईटी रुड़की ने इस समारोह की अध्यक्षता की।
गत वर्ष जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने प्रतिभागियों को संस्कृत भाषा में गहरी रुचि विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए इस पहल की सराहना की थी।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. एन गोपालस्वामी ने कहाकिे संस्कृत ज्ञान का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। यह 1500-1600 ईसा पूर्व में बौद्धिक कार्यों के लिए एक लोकप्रिय माध्यम था। विभिन्न संस्कृत ग्रंथों को पढ़ना और समझना तथा वर्तमान समय के परिप्रेक्ष्य में उनकी प्रासंगिकता को सामने लाना आवश्यक है।
आईआईटी रुड़की के निदेशक, प्रो. अजीत के चतुर्वेदी ने कहाकि इस प्रकार का आयोजन आयोजकों के समर्पित प्रयासों को दर्शाता है। देवभाषा या देवताओं की भाषा को एक व्यावहारिक या बोलचाल की भाषा में बदलने का यह प्रयास सरहनीय है। यह देखना आश्चर्यजनक है कि संस्थान ने दुनिया भर के 32 देशों के 5000 से अधिक छात्रों को 1700-1200 ईसा पूर्व के एक प्राचीन भाषा सिखाने के लिए अत्याधुनिक ऑनलाइन तकनीक का उपयोग किया।
इस कार्यक्रम की शुरुआत गुरु पूर्णिमा 5 जुलाई 2020 पर आईआईटी रुड़की के संस्कृत क्लब ने संस्कृत भारती के साथ मिलकर किया था, और यह एक भारतीय भाषा का व्यावहारिक ज्ञान रखने वाले दुनिया भर के लोगों के लिए उपलब्ध था। पहल का उद्देश्य युवा पीढ़ी के बीच संस्कृत के महत्व को लेकर जागरूकता पैदा करना था।