कैडेट विनय गर्ग को गोल्ड मेडल
देहरादून। इंडियन मिलिट्री एकेडमी देहरादून में शनिवार को पासिंग आउट परेड आयोजित की गई। इस दौरान 377 जेंटलमैन कैडेट पासआउट हुए। वहीं मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने परेड की सलामी ली। कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी मौजूद रहे। बीते 29 नवंबर से ही आईएमए में कार्यक्रम शुरू हो चुके थे। शनिवार सुबह सबसे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने परेड का निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने परेड की सलामी ली। परेड के दौरान कैडेट्स पर हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए गए। जिसके बाद उन्होंने अंतिम पग को पार कर भारतीय सेना में कमीशन हासिल की।
इस दौरान गोल्ड मेडल कैडेट विनय विलास गर्ग को मिला। वहीं कैडेट विकेंद्र सिंह को सिल्वर मेडल और कैटेड धु्रव केहला को ब्रांज मेडल मिला। इस दौरान रक्षा मंत्री ने कहा कि मुझे आज पासिंग आउट परेड के गौरवशाली क्षण का अच्छा अनुभव प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि देश की रक्षा और मजबूती के लिए जहां भी सेना को मेरी जरूरत पड़ेगी, मैं खड़ा मिलूंगा। सैनिकों के परिवार की जिम्मेदारी रक्षा मंत्रालय की है, जिन्हें वे हर हाल में पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि भविष्य में कुछ आने वाले खतरे आतंकवाद से भी ज्यादा खतरनाक हैं, जिससे निपटने के लिए भारतीय सेना तैयार है। उन्होंने कहा कि मुंबई की घटना में 266 लोग मारे गए थे और उनके परिजनों को संतुष्टि तब मिलेगी जब आरोपियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।
आईएमए पासिंग आउट परेड में कुल 377 जेंटलमैन कैडेट पास आउट होकर सेना में अधिकारी बने हैं। जिसमें से 306 कैडेट्स भारतीय सेना में शामिल हुए। जबकि मित्र देशों के 71 कैडेट्स पासिंग आउट परेड के बाद अपने-अपने मुल्क में सेना की कमान संभालेंगे। पासिंग आउट परेड में इस बार उत्तराखंड राज्य के 19 युवा जेंटलमैन कैडेट पास आउट होकर भारतीय सेना में बतौर ऑफिसर शामिल हुए। इस बार की पासिंग आउट परेड में सबसे अधिक सैन्य अफसर उत्तर प्रदेश से निकले। उत्तर प्रदेश मूल के इस बार 56 कैडेट पास आउट होकर सेना में अधिकारी बने। कैडेट्स में उत्तर प्रदेश से 56, हरियाणा से 39, बिहार से 24, राजस्थान से 21, उत्तराखंड से 19, महाराष्ट्र से 19, हिमाचल से 18, दिल्ली से 16, पंजाब से 11, मध्य प्रदेश से 10, केरल से 10, तमिलनाडु से 9, कर्नाटक से 7, आंध्र प्रदेश से 6, जम्मू-कश्मीर से 6, पश्चिम बंगाल से 6, तेलंगाना से 5, मणिपुर से 4, चंडीगढ़ से 4, झारखंड से 4, असम से 2, अंडमान निकोबार से 1, मिजोरम से 1, उड़ीसा से 1, सिक्किम से 1 व मिजोरम से 1 कैटेस हैं।
मित्र देशों के पास आउट होने वाले कैडेट्स में सबसे अधिक संख्या अफगानिस्तान की है। यहां के 47 कैडेट पास आउट होंगे। दूसरे नंबर पर भूटान देश है। जिसके 12 कैडेट्स पासिंग आउट परेड पूरी कर अपने देश की सेना में अफसर बनेंगे।