रुड़की/संवाददाता
बबले सैनी
कृषि कानून के विरोध में किसान आंदोलन कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर मंगलौर के नारसन कलां गांव में भाजपा नेताओं का विरोध होने लगा है। जिसके चलते ग्रामीणों ने गांव में बीजेपी के किसी भी नेता के प्रवेश पर पूर्णतः पाबंदी लगा दी है।
कृषि कानूनों के विरोध में किसान करीब ढाई महीनों से दिल्ली में आंदोलनरत हैं। किसान बाहुल्य क्षेत्रों में सरकार के प्रति कड़ी नाराजगी देखने को मिल रही है। वहीं, दूसरी ओर मंगलौर के नारसन कलां गांव में भाजपा नेताओं का विरोध होने लगा है। नारसन कलां के किसानों ने भाजपा का खुलकर विरोध करना शुरू कर दिया है। जिसके चलते ग्रामीणों ने गांव में बीजेपी के किसी भी नेता के प्रवेश पर पूर्णतः पाबंदी लगा दी है।
दरअसल, नारसन कलां गांव के लोगों ने गांव के मुख्य मार्ग पर बैनर लगाया है। जिस पर लिखा है कि भाजपा नेताओं का गांव में आना सख्त मना है। भाजपा नेता अपनी जान माल की स्वयं रक्षा करें। दरअसल कृषि कानून के विरोध को लेकर नारसन कलां गांव के लोगों ने भाजपा का विरोध किया है। ग्रामीणों का कहना है कि नारसन कलां गांव में भाजपा नेताओं को घुसने नहीं दिया जाएगा। अगर भाजपा नेता गांव में प्रवेश करते हैं तो वह अपनी जान माल के स्वयं जिम्मेदार होंगे। उन्होंने कहा सरकार किसानों को तबाह करने पर तुली है, किसान सड़कों पर रात गुजारने को मजबूर हैं और सरकार आंखें मूंदे तमाशा देख रही है।