रुड़की/संवाददाता
झबरेड़ा थाने के आस-पास नगर पंचायत झबरेड़ा द्वारा लगातार प्लास्टिक, कूड़ा-करकट डालने से सड़क किनारे खड़े हरे-भरे कीमती पेड़ पूरी तरह सूख गये। समाजसेवी लोगों द्वारा इस सम्बन्ध में वन विभाग को भी सूचना दी गई, लेकिन वन विभाग के किसी भी अधिकारी ने मौके पर आकर इन पेड़ों की सूखने की वजह नहीं जानी। इस कारण सरकार को भारी नुकसान पहंुचा हैं।
बताते चलें कि सरकार पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए हरेला पर्व जैसे कई अभियान चलाये हुये हैं। ताकि पर्यावरण को शुद्ध रखा जा सके। पेड़ हमें लाखों रुपये कीमत की ऑक्सीजन एक वर्ष में देते हैं और कार्बनडाई ऑक्साईड को सोखते हैं। वन विभाग के कर्मी अपनी ड्यूटी का संचालन सहीं ढंग से नहीं कर रहे हैं और न ही उनके द्वारा उच्च अधिकारियों को इन पेड़ों के सूखने के बारे में कोई जानकारी दी गई। दरअसल इन पेड़ों के आस-पास भारी मात्रा में प्लास्टिक व अन्य कूड़ा-करकट पड़ा हुआ हैं, जिसके कारण यह पेड़ पूरी तरह सूख गये और इसकी जिम्मेदार नगर पंचायत झबरेड़ा हैं। इस सम्बन्ध में समाजसेवी लोगों द्वारा वन क्षेत्राधिकारी रुड़की के साथ ही डीएफओ हरिद्वार व गढ़वाल मण्डल व वन विकास निगम के अधिकारियों को सूचना दी गई हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि नगर पंचायत भी अपने कूड़ा-करकट डालने के लिए आज तक इसका कोई ठोस उपाय नहीं कर पाई और इसका दंश आम जनता ही झेल रही हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि वन विभाग के अधिकारी इस मामले में क्या कदम उठाते हैं?