रुड़की/संवाददाता
रुड़की नगर निगम के पास गंगनहर किनारे (पटरी पर) संत गुरु रविदास की मूर्ति हटाये जाने से नाराज दलित समाज के लोगो ने सिविल लाइन में जमकर प्रदर्शन करते हुए जाम लगा दिया। जाम की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची भारी पुलिस फोर्स ने जाम खुलवाने की काफी कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने जाम खोलने से साफ इंकार कर दिया। प्रदर्शनकारी संत रविदास की मूर्ति लगाने की मांग पर अड़े रहे। दलित समाज के लोगो के साथ ही महिलाओं और बच्चो में भी भारी आक्रोश देखने को मिला। हंगामा बढ़ता देख अस पास के सभी थानों की पुलिस फोर्स के साथ साथ पीएसी की बटालियन भी मौके पर पहुंच गई। मामला बढ़ता देख पुलिस के आलाधिकारी भी मौके पर पहुंचे लेकिन प्रदर्शन कर रहे दलित समाज के लोग संत रविदास की मूर्ति स्थापित करने पर अड़े रहे। देर शाम तक दलित समाज के लोगों ने मूर्ति स्थापित की मांग को लेकर रोड़ जाम कर दिया, जिसके बाद बाज़ार में आने जाने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
गौरतलब है कि विगत दिवस कुछ संगठन के पदाधिकारियों द्वारा संत गुरु रविदास की जयंती अवसर पर भंडारे का आयोजन किया गया था। लेकिन जब मंगलवार को देखा, तो नगर निगम के सामने किसी के द्वारा गंगा घाट पर संत रविदास की मूर्ति लगा दी थी, जिसकी सूचना पुलिस को मिली तो आनन फानन में पुलिस अधिकारियों ने वीडियो रिकॉर्डिंग कराकर संत रविदास की मूर्ति को दूसरे स्थान पर स्थापित कर दिया लेकिन मूर्ति हटाने से नाराज दलित समाज के लोग भड़क गए और सड़क पर आ गए। उन्होंने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए सिविल लाइन में जाम लगा दिया। गुस्साये प्रदर्शनकारी धरने पर बैठ गए। घंटों प्रदर्शन के बाद एएसडीएम पूरण सिंह राणा मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों के साथ घंटों तक वार्ता की। बाद में एएसडीएम से मिले आश्वासन के बाद प्रदर्शनकारी लौट गये। समाजसेवी चंद्रशेखर जाटव, भारत सिंह व आजाद समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महक सिंह ने बताया कि कल (बुधवार) को रुड़की व आसपास की सभी संत रविदास समितियों के पदाधिकारी जेएम रुड़की से 11 बजे उनके कार्यालय में मिलकर ज्ञापन सौंपेंगे और संत शिरोमणि गुरु रविदास की मूर्ति स्थापित करने की मांग की जाएगी। साथ ही कहा कि अबसे इस घाट का नाम संत रविदास घाट कर दिया गया है। वहीं एएसडीएम पूरण सिंह राणा ने बताया कि सभी प्रदर्शनकारियों को शांत कराकर उन्हें कल आने के लिए कहा गया है, ताकि उनके मांगपत्र को शासन भिजवाया जा सके। साथ ही कहा कि इस घाट का नाम लंबे समय से संत रविदास घाट चला आ रहा है। इस मौके सैकड़ो की संख्या में लोग मौजूद रहे।