रुड़की/संवाददाता विधायक देशराज कर्णवाल द्वारा डीएम सी. रविशंकर, शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, शहरी विकास सचिव को पिछले माह रुड़की मेयर गौरव गोयल के खिलाफ शिकायती पत्र देते हुए कहा गया था कि वह नगर निगम में संवैधानिक सीमाओं का उल्लंघन कर अनियमितताएं बरत रहे हैं। पहले बिंदू में यह कहा गया कि मेयर ने किसी भी तरह के भुगतान उनके संज्ञान में लाये बिना न करने के आदेश दिये, जो कि नगर निगम के एक्ट में नगर आयुक्त के वित्तीय अधिकारों का उल्लंघन है। यह भी शिकायत की कि चैक भुगतान के रजिस्ट्रर में मेयर ने हस्ताक्षर करने के बाद इन्हें हरे रंग की स्याही से काट दिया। इसमें भी वित्तीय घोटाले की आशंका है। साथ ही बताया कि मेयर ने 40 प्रतिशत से कम धनराशि पर जारी किये गये छः करोड़ के टेंडरों को निरस्त करने का प्रयास किया, इसके लिए उन्होंने आदेश भी जारी किये थे, लेकिन नियमों के तहत वह टेंडर निरस्त नहीं हो पाये। इन टेंडरों की निरस्त करने की कोशिश भी अनियमितता बताई गई। वहीं सीएम घोषणा से पार्क निर्माण के शिलान्यास में झबरेड़ा विधायक को नहीं बुलाये जाने को विधानसभा की अवमानना बताया। पत्र में उच्च स्तरीय जांच कराकर कार्रवाई की मांग की गई थी। इस पर डीएम ने अपर जिलाधिकारी प्रशासन से आरोपों की जांच कर रिपोर्ट दिये जाने के आदेश दिये। इसी कड़ी में शुक्रवार को एडीएम प्रशासन बी.के. मिश्रा नगर निगम में पहंुचे और इस दौरान अपर जिलाधिकारी द्वारा अभिलेखों की जांच की गई। बताया गया है कि इस संदर्भ में जांच चल रही हैं। उनके यहां औचक निरीक्षण करने की सूचना पाकर कुछ पार्षद व ठेकेदार उनसे मिलने पहंुचे। जहां उन्होंने अपनी समस्याएं एडीएम प्रशासन को पत्रा के माध्यम से अवगत कराई। बता दें कि बोर्ड की बैठक न होने से नाराज पार्षदों ने उन्हें ज्ञापन भी सौंपा और कहा कि डीएम को भी इस संदर्भ में कई बार अवगत कराया गया, कि मेयर गौरव गोयल जान-बूझकर ठेकेदारों का भुगतान रोक रहे हैं। उनकी फाईलें पास नहीं की जा रही हैं, साथ ही उन्होने यह भी गम्भीर आरोप लगाया कि भुगतान केवल उन फाईलों का हो रहा हैं, जिन फाइर्लां के साथ माल पहंुच रहा हैं। ऐसे आरोपों केा देखते हुए सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि अब भाजपा की जीरो टोलरेंस कही जाने वाली राज्य सरकार के होते हुए भाजपा के ही मेयर गौरव गोयल पर यह कार्रवाई कितनी आगे पहुंचती हैं? या केवल इसे खानापूर्ति करने के बाद ठंडे बस्ते में डाल दिया जायेगा। यह तो आने वाला समय ही बता पायेगा। वहीं अपर जिलाधिकारी प्रशासन बी.के. मिश्रा ने आश्वासन दिया कि वह पूरी पारदर्शिता के साथ मामले की जांच कर रिपोर्ट डीएम को सौपेंगे। पूछने पर भी वह पत्रकारों के सवाले से बचते नजर आये।