*माब लिंचिंग के डर से चौथी मंजिल पर ले जानी पड़ी गाड़ी
ऋषिकेश/देहरादून। एम्स ऋषिकेश में महिला चिकित्सक से छेड़छाड़ के आरोपी सीनियर डॉक्टर सतीश कुमार की गिरफ्तारी के तरीके पर उठे सवालों पर पुलिस ने अपनी सफाई दी। मामले में पुलिस द्वारा एम्स ऋषिकेश की चौथी मंजिल में गाड़ी ले जाने की घटना पर एसएसपी देहरादून ने सभी पहलुओं का बारीकी से विश्लेषण करने के बाद पुलिस कार्यवाही को सही ठहराया।
पुलिस का मानना है कि जिस वक्त पुलिस आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार करने एम्स पहुंची उस वक्त आरोपी डाक्टर के खिलाफ एम्स के स्टाफ में काफी नाराजगी थी,साथ ही मौके पर मौजूद उग्र भीड़ के प्रदर्शन तथा मोब लिंचिंग की घटना की संभावना को देखते हुए आरोपी को जो उस वक्त एम्स की चौथी मंजिल पर मौजूद था,उसे गिरफ्तार कर सुरक्षित हिरासत मेे ले जाने के लिए ऐसा करना जरूरी था। इसके लिए जो सुरक्षित रास्ता एम्स प्रशासन की ओर से पुलिस को सुझाया गया पुलिस ने उसी रास्ते पर चलकर आरोपी को गिरफ्तार किया।
पुलिस ने ऐसे आरोपों से भी इंकार किया जिसमें बताया गया कि पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर उसी रास्ते ( इमरजेंसी वार्ड) से वापिस गई। जबकि जांच में ये सामने आया कि
मामला हाईलाइट होने के बाद आरोपी नर्सिंग अधिकारी सतीश कुमार मनोचिकित्सक वार्ड में भर्ती हो गया। लेकिन आरोपी नर्सिंग अधिकारी के खिलाफ एम्स के चिकित्सको व एमबीबीएस छात्रों ने मनोचिकित्सा विभाग के बाहर उग्र प्रदर्शन किया। जब इस बात की जानकारी एम्स प्रशासन ने पुलिस को दी तो तुरन्त पुलिस ने मौके पर पहुंचकर परिस्थितियों को नियंत्रित करने का प्रयास किया गया परंतु मौके पर 400 से 500 चिकित्सकों एवं एमबीबीएस छात्रों ने आरोपी को उनके हवाले करने के लिए उग्र प्रदर्शन व नारेबाजी कर मनोचिकित्सा विभाग के कक्ष में घुसने का प्रयास किया। मौके पर पुलिस व एम्स प्रशासन ने उन्हें काफी समझाने का प्रयास भी किया लेकिन उग्र होती भीड़ ने सुरक्षाकर्मियों व पुलिस बल के साथ भी धक्का मुक्की की। जिसके बाद आखिरकार पुलिस को मामले की गंभीरता को देखते हुए ऐसा कदम उठाना पड़ा।
पुलिस की ओर से बताया गया कि उग्र भीड़ इस पर भी नहीं मानी और जब पुलिस वाहन से आरोपी को ले जाया जा रहा था तब भी भीड़ ने पुलिस वाहन का पीछा कर आरोपी को वाहन से खींचने का प्रयास किया। मामले में आगे की विवेचना सीओ ऋषिकेश के पर्यवेक्षण में गठित SIT करेगी, जिसमें दो महिला उप निरीक्षको,एम्स चौकी प्रभारी को भी शामिल किया गया है।