गणेश वैद की कलम से
समाज में कमजोर तबके व हाशिए पर रखकर शिक्षा से वंचित बच्चों को उनका बचपन लौटाने के उद्देश्य से उत्तराखंड पुलिस की ओर से ऑपरेशन मुक्ति चलाया गया,जिसकी थीम “भिक्षा नहीं शिक्षा दें रखा गया। जिसमें नौकरी व भिक्षावृत्ति जैसे कृत्यों मेे धकेले गए नाबालिक बच्चों को ऑपरेशन मुक्ति के तहत सर्वशिक्षा से जोड़ा जा रहा है। इसी अभियान को साकार करने में जुटी उत्तराखंड की मित्र पुलिस का ये अभियान तब और भी सफल हो जाता है जब उन्ही बच्चों में कोई पढ़ाई में अच्छे अंक प्राप्त कर स्कूल व समाज का नाम रोशन करता है।
यहां हम ऐसे ही एक बच्चे का जिक्र कर रहे हैं, जो पढ़ने में तो होशियार थी, किन्तु किन्हीं परिस्थितियों के कारण पढ़ाई रुक गई। जब इस बात का पता उस जनपद की पुलिस को चला तो उनके प्रयास से फिर से उसकी बाधित हो चुकी पढ़ाई शुरू हो सकी और 88.73 अंक प्राप्त कर स्कूल में दूसरा स्थान प्राप्त किया।
दरअसल वर्ष 2022 मेे कोटद्वार की रहने वाली एक 10 वर्षीय बालिका अक्ष ने पौड़ी जिले के श्रीनगर स्थित सैंट थेरेसा कॉन्वेंट स्कूल से कक्षा 4 तक की पढ़ाई की,किन्तु पारिवारिक परिस्थितियों के चलते उसको स्कूल छोड़ने पर विवश होना पड़ा। पढ़ने में बेहद होशियार अक्ष का कम उम्र में यूं अचानक शिक्षा से हट जाना ना तो खुद अक्ष को ही अच्छा लगा होगा और ना ही बालिका अक्ष की बुआ को, जिसके संरक्षण मेे अक्ष रहती थी। किन्तु यह बात जब जात धर्म से ऊपर उठकर कोटद्वार के स्थानीय समाजसेवी इरशाद हुसैन उर्फ अट्टू बादल को पता लगी, तो उन्होंने इस बात की जानकारी कोटद्वार के अपर उप निरीक्षक कृपाल सिंह को फोन पर दी। उन्होंने बताया कि बालिका पढ़ने में बहुत होशियार है और इसकी देखभाल करने वाला भी कोई नहीं है। आप इसका स्कूल में एडमिशन करा दो। इसकी पढ़ाई छूट गई है।
इस पर तुरन्त ही अपर उपनिरीक्षक कृपाल सिंह (ऑपरेशन मुक्ति ) अपनी टीम के साथ उसी सैंट थेरेसा कॉन्वेंट स्कूल गए जहा अक्ष पढ़ती थी। एएसआई कृपाल सिंह ने जब स्कूल की प्रधानाचार्या व मैनेजमेंट से अक्ष की आगे की पढ़ाई की बात की और अनुरोध किया ताकि स्कूल फीस के चलते उसकी शिक्षा बाधित ना सके। इस पर स्कूल प्रबंधन ने बालिका के पढ़ने की इच्छा व परिस्थिति को देखते हुए और पौड़ी पुलिस के अनुरोध पर अक्ष की आगे की 5वीं कक्षा से 12वीं तक की पढ़ाई स्कूल के खर्च पर करना स्वीकार कर लिया।
पुलिस व स्कूल प्रबन्धन के भरोसे पर खरी उतरी अक्ष
जब अक्ष का दाखिला पुनः सैंट थेरेसा कॉन्वेंट स्कूल में हुआ तब तक शिक्षा सत्र शुरू हुए दो माह बीत चुके थे,किन्तु बालिका अक्ष ने बेहद विपरीत परिस्थितियों में रहकर और दो माह लेट एडमिशन होने के बावजूद अपनी लगन व मेहनत से कक्षा 5 मेे 700 अंक में से 665.5 अंको (88.73%) के साथ पूरे स्कूल में दूसरा स्थान हासिल कर स्कूल प्रबंधन व पौड़ी पुलिस के भरोसे को कायम रखा।
कौन है इरशाद हुसैन उर्फ अट्टू बादल
आपको बता दें कि जिस बालिका अक्ष के बारे में कोटद्वार के अपर उप निरीक्षक कृपाल सिंह को फोन पर जानकारी दी थी वह इरशाद हुसैन उर्फ अट्टू बादल एक ऐसे समाजसेवी है जो धर्म सांप्रदाय के भेद से ऊपर उठकर सभी धर्म एवं वर्ग के लोगो की सेवा के लिए तत्पर रहते हैं। इरशाद हुसैन के बारे में बताया गया कि वह अब तक कई लावारिस मृतकों का अंतिम संस्कार अपने खर्च पर कर चुके है इसके अलावा वह क्षेत्र मेे सक्रिय रहकर समाजसेवा के कार्य में जुटे रहते है।
ऑपरेशन मुक्ति टीम ने दी बधाई
पौड़ी पुलिस व स्कूल प्रबंधन के भरोसे पर खरी उतरी बालिका अक्ष की इस सफलता से गदगद ऑपरेशन मुक्ति टीम (महिला उपनिरीक्षक सुमनलता,अपर उप निरीक्षक कृपाल सिंह,कांस्टेबल आशीष बिष्ट, कांस्टेबल मुकेश कुमार,कांस्टेबल मुकेश डोबरियाल व महिला कांस्टेबल विद्या मेहता) ने उसे बधाई देते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की। ऑपरेशन मुक्ति की सफलता में अहम किरदार निभाते हुए होनहार बालिका अक्ष ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की सोच को साकार कर दिया है। इसके लिए उन सभी बच्चों की प्रेरणा भी बन गई जो अभाव व विपरीत परिस्थितियों के चलते शिक्षा से दूर हो चले।
मुस्कुराते बोली अक्ष – धन्यवाद ऑपरेशन मुक्ति
जब बालिका अक्ष से उसकी सफलता पर ऑपरेशन मुक्ति की टीम ने संपर्क किया और इसके लिए उसे बधाई दी तो वह मुस्कुराते हुए बोली – धन्यवाद ऑपरेशन मुक्ति।