*हरिद्वार जिला क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव पर लगे कई गंभीर आरोप।
हरिद्वार। जिला स्तर पर क्रिकेट में धांधली एवं मनमानियों को लेकर जिला क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ हरिद्वार पर गंभीर आरोप लगाए गए। यह आरोप किशोरी लाल क्रिकेट एकेडमी की ओर से संचालक रोशनलाल ने एक प्रेस वार्ता कर लगाए।
प्रेस क्लब हरिद्वार में पत्रकारों को जानकारी देते हुए रोशनलाल ने बताया कि क्रिकेट एसोसिएशन आफ हरिद्वार के कुछ सदस्यों ने अपने रिश्तेदारों के नाम पर एकेडमी खोली हुई है। वे अपने एकेडियमो को फायदा पहुंचाने के लिए एसोसिएशन का इस्तेमाल कर रहे हैं। जैसे कि ट्रायल में बच्चों का सलेक्शन या इन्टर डिस्ट्रिक्ट टीम का सेलेक्शन,सभी में ये लोग अपने बच्चों को किसी न किसी बहाने जगह देकर अन्य बेहतर बच्चों से भेदभाव करते हुए उन्हें नजरअंदाज कर देते हैं। उन्होंने कहा कि इस बारे में कई बार क्रिकेट एरोशियसन आफ हरिद्वार व क्रिकेट एसोशियसन आफ उत्तराखण्ड को भी शिकायत की गई,लेकिन किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया।
उन्होंने इस सब के लिए हरिद्वार क्रिकेट एसोशियशन के सचिव इंद्रमोहन बर्थवाल को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि डिस्ट्रिक्ट लीग में दूसरी एकेडमी के बच्चों के अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद एसोसिएशन के सदस्य अपनी एकेडमी के बच्चों को प्राथमिकता देने की साजिश रचते है। उन्होंने बताया कि जब से लीग अथवा टूर्नामेंट का रिकार्ड क्रिक हीरोस एप पर आना शुरू हुआ है,तब से थोड़ा बहुत धांधलियों पर अंकुश लगा है। लेकिन फिर भी कुछ न कुछ तिकडम लगाकर ये लोग अपनी एकेडमी के बच्चों को अब भी प्राथमिकता देते हैं।
दूसरी एकेडमी के बच्चो से हो रहा भेदभाव
जिला क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव इंद्रमोहन बर्थवाल पर लगाए गए आरोपों में उन्होंने यह भी बताया कि पहले तो जिला लीग में दूसरी एकेडमी के बच्चों से भेदभाव होता है उसके बाद इण्टर डिस्ट्रिक्ट के लिए चयनित हुई टीम में किस खिलाडियों को खिलाना है, किसको नहीं, किसको किस नम्बर पर बैटिंग करानी है, बोलर को कितने ओवर करवाने है। इसके अलावा दूसरी एकेडमी के बच्चों को किसी न किसी बहाने। एक मैच खिलवाकर बाहर कर देते है, बोलर को कम ओवर देना या बिल्कुल नहीं देना।, जानबूझ कर दूसरी एकेडमी के बच्चो को मेनटली परेशान किया जाता है, जिससे कि वह अच्छा प्रदर्शन न कर सके जबकि अपनी एकेडमी के बच्चों को अच्छा प्रदर्शन न करने के बावजूद भी लगातार खिलवाते है। उन्होंने अम्पायर तक पर ऐसोसिएशन से मिलीभगत के आरोप लगाते हुए कहा कि अंपायर सम्बन्धित एकेडमी के बच्चों का फेवर करते हैं। लेकिन जिस दिन से नेट ट्रायल और मैचों की विडियों ग्राफी होनी शुरू हो गई, उसी दिन से इनकी धांधलियां कम हो जायेगी।
भंग होनी चाहिए जिला एसोसिएशन
उन्होंने कहा कि जब से हरिद्वार क्रिकेट एसोसिएशन बनी है तभी से इस पर इंद्रमोहन बर्थवाल और उनके चहेतों का ही कब्जा रहा जिससे कि उनकी मनमानियां बढ़ती जा रही है। उन्होंने मांग की है कि तुरन्त एसोसिएशन भंग होनी चाहिए और समय सीमा में चुनाव कराने चाहिए। ये लोग दूसरी एकेडमी के बच्चों को कभी एन.ओ.सी. तो कभी अन्य दस्तावेजों में छोटे-मोटी गलतियों के नाम पर परेशान करते है। ऐसे हालत में कोई टेलेन्टेड बच्चा कैसे अच्छी क्रिकेट खेल सकता है? यह पूरा मामला “हितों का टकराव” का है।
टेलेन्टेड बच्चों का कैरियर हो रहा बर्बाद
केएलसीए के संचालक रोशन लाल ने सीधे तौर पर इंद्रमोहन को हरिद्वार क्रिकेट में टेलेन्टेड बच्चों का कैरियर बर्बाद करने का जिम्मेदार मानते हुए कहा कि हरिद्वार क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव इंद्रमोहन बर्थवाल अपने भाई की एकेडमी जिमखाना क्रिकेट क्लब के हितों के लिए ही हमेशा से प्रयासरत रहते है। उनके इसी भेदभाव पूर्ण रवैये के कारण ही पता नहीं हरिद्वार के कितने होनहार बच्चों का कैरियर बर्बाद हो गया है। उन्होंने कहा कि हम दिन रात मेहनत करके बच्चों का भविष्य बनाने का प्रयास करते है जबकि ये गंदी राजनीति कर बच्चों का भविष्य बर्बाद कर रहे है। अंत में उन्होंने सीएयू (क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड) से जिला एसोशियशन भंग करने की मांग की साथ ही भविष्य में जिला स्तर पर होने वाली किसी भी लीग अथवा ट्रायल की वीडियोग्राफी की मांग की है।