हरिद्वार। पूर्व विधायक अम्बरीष कुमार ने कहा कि कुंभ के आयोजन और कार्यकाल को लेकर निरंतर विवाद हो रहे हैं। कुंभ का आयोजन धार्मिक महत्व का है परंतु ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जैसे प्रशासनिक मेला है। उन्होंने प्रेस का जारी बयान में कहाकि अव्यवस्थित अनियोजित कुंभ धार्मिकता का ह्रास और प्रशासनिक दूर दृष्टि के अभाव का एक उदाहरण है। कोरोना काल में बिहार, हैदराबाद के चुनाव हो सकते हैं। बंगाल में रैलियां हो सकती हैं, परंतु कोरोना के नाम पर कुंभ का सीमित किया जाना प्रशासनिक अक्षमता और गिरते हुए धार्मिक स्तर का निकृष्ट उदाहरण है। उन्होंने कहाकि राजनैतिक स्तर हो या केंद्र से लेकर प्रदेश तक सर्वस्त्र अनिश्चय और अनिर्णय का साम्राज्य है। उन्होंने हरिद्वार धार्मिक महत्व को गिरता देख कर भी धार्मिक संप्रदाय के खामोश रहने पर है यह दुखव्यक्त किया। उन्होंने कहाकि कांग्रेस 31 दिसम्बर के बाद इन सब मुद्दों को धरना प्रदर्शन के माध्यम से उठाकर जनता के सामने रखकर जनजागृति का काम करेगी।