हरिद्वार। कोरोना महामारी के चलते तीन माह से कोर्ट बंद होने के कारण अधिवक्ताओं को आर्थिक हालात से दो-चार होना पड़ रहा है। जिससे कई वकीलों के सामने भारी आर्थिक संकट आ खड़ा हुआ है। वकीलों ने प्रदेश सरकार को ज्ञापन भेजकर आर्थिक सहायता व कोर्ट कार्यवाही की मांग की थी। मांग पूरी करने की अवधि रविवार को खत्म हो गई थी।
सोमवार को रोशनाबाद कचहरी परिसर में वरिष्ठ अधिवक्ता संजीव कुमार वर्मा, पूर्व बार संघ अध्यक्ष सुशील कुमार 17 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चित कालीन आमरण अनशन पर बैठे।
बीते बुधवार को अधिवक्ता संजीव कुमार वर्मा ने जिला जज, डीएम व स्थानीय स्तर पर ऑनलाइन पत्र भेजकर अधिवक्ता संघ के परिसर में अनशन शुरू करने के लिए परमिशन देने की मांग की थी।
उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारी बिना ड्यूटी के घर पर वेतन ले रहे हैं। जबकि समाज का एक बुद्धिजीवी वर्ग कोर्ट बंद होने से घर में चुपचाप बैठा हुआ है। उन्होंने कहा कि अधिवक्ता वर्ग दैनिक आय पर निर्भर होता है। लेकिन तीन माह से कोर्ट में न्यायिक कार्य बंद व लॉक त्रडाउन के चलते भारी आर्थिक संकट झेलना पड़ रहा है। कहा कि देश में लाखों सरकारी व गैर सरकारी एनजीओ हैं। इन्होंने भी अधिवक्ता वर्ग की कोई सुध नहीं ली। जिस पर वरिष्ठ अधिवक्ता संजीव कुमार वर्मा ने जरूरतमंद वकीलों की परेशानी को देखते हुए केंद्र व प्रदेश सरकार को आर्थिक सहायता करने के लिए एक ज्ञापन दिया था। उन्होंने कहा कि आर्थिक सहायता प्रदान न होने के बाद वह अपने अन्य अधिवक्ता साथियों के साथ अनिश्चित कालीन आमरण अनशन शुरू करने की घोषणा की थी। जिस पर उन्होंने जिला जज, जिलाधिकारी व स्थानीय स्तर पर एक पत्र ऑनलाइन भेजकर लॉक डाउन का पालन करते हुए रोशनाबाद अधिवक्ता परिसर में आमरण अनशन शुरू करने की बात कही। यही नहीं, उन्होंने चार दिन की अवधि में पीडि़त वकीलों को आर्थिक सहायता नहीं मिलने पर सोमवार से आमरण अनशन शुरू करने की चेतावनी दी थी। अनशन स्थल पर वरिष्ठ वकील विजय कुमार शर्मा, मुहम्मद हनीफ,जगदीप शर्मा, एसके भामा,चौधरी वीरेंद्र प्रताप सिंह, मोतीलाल कौशल, अशोक कश्यप, मोहम्मद यूनुस, राव फरमान अली,जसविंदर गिल,उस्मान आरिफ,गोपाल चतुर्वेदी, उमादत्त कश्यप, सुमित कुमार, दिनेश गौतम, सुधांशु द्विवेदी, अखिल बोहरा, राजीव तोमर, धर्मवीर सिंह व सुमित अरोड़ा ने पहुंचकर समर्थन किया।