आपदा में मौत के बाद बहकर पैतृक गांव पहुंचा जवान का शव
इसे कुदरत का करिश्मा करें या एक अजब संयोग, जहां जोशीमठ के रैणी-तपोवन आपदा में लापता लोगों के परिजन उनके जीवित या मृत देह मिलने तक की उम्मीद छोड़ बैठे हैं वहीं उत्तराखंड पुलिस का एक जवान जो जीते जी तो घर नहीं लौट सका, लेकिन उनकी मृत देह नदी में बहते हुए करीब डेढ़ सौ किलोमीटर का सफर तय कर अपने ही पैतृक गांव के घाट पर पहुंच गई। बीते रविवार को ड्यूटी पर तैनात उत्तराखण्ड पुलिस के एएसआई मनोज चैधरी, ऋषि गंगा की प्रकृतिक आपदा में शहीद हो गये थे। उनका मृत शरीर बहकर ग्राम बैनोली के पैतृक घाट कर्णप्रयाग में किनारे लग गया। उनकी पहचान उनके परिवारजनों द्वारा कर ली गई है। पुलिस विभाग ने राजकीय सम्मान से उन्हें अन्तिम विदाई दी। कर्णप्रयाग मंें पिंडर और अलकनन्दा के संगम पर उसका अन्तिम संस्कार कर दिया गया। यह भी संयोग ही है कि उनके पार्थिव शरीर को नदी की धारा करीब डेढ सौ किमी. बहाकर कर उनके अंतिम संस्कार के लिए उन्हीं के पैतृक घाट तक पंहुचा गई।