हरिद्वार। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द महाराज ने कहा कि कुंभ भारतीय संस्कृति व सनातन धर्म का सबसे महत्वपूर्ण पर्व है। संत महापुरूष व श्रद्धालु 12 वर्ष कुंभ में गंगा स्नान की प्रतीक्षा करते हैं। कोरोना महामारी के चलते कुंभ की तैयारियों में विलंब हुआ है। कोरोना से पूरी दुनिया प्रभावित हुई है। भारत भी इससे अछूता नहीं रहा है। कुंभ आयोजन के साथ कोरोना की स्थिति को भी ध्यान में रखना होगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री भी कोरोना से संक्रमित हो चके हैं। एसे में मेला प्रशासन को कोरोना व धार्मिक भावनाओं में संतुलन साधते हुए कुंभ का आयोजन करना चाहिए। इस तरह की व्यवस्थाएं की जानी चाहिए कि संतों व श्रद्धालुओं की कुंभ स्नान की इच्छा भी पूरी हो तथा कुंभ के लिए हरिद्वार आने वालों को कोरोना से बचाया भी जा सके। कनखल स्थित शंकराचार्य मठ में पत्रकारों से वार्ता करते हुए स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द महाराज ने कहा कि कोरोना के कारण श्रद्धालुओं के मन में सकारात्मक संदेश जाए। ऐसी स्थिति मेला प्रशासन को करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कुंभ के आयोजन को लेकर बनी भ्रम की स्थिति को सरकार को तत्काल दूर करना चाहिए। देश में बड़ी बड़ी राजनैतिक रैलियों का आयोजन हो रहा है। देश के गृहमंत्री पश्चिम बंगाल में लाखों की भीड़ के साथ रोड़ शो करते हैं। बिहार व दूसरे कई प्रदेशों में चुनाव भी कराए जा सकते हैं। कोरोना काल में मठ मंदिर बंद रहे और शराब की दुकानें खुली रही। लेकिन आश्चर्य की बात है कि कोरोना की वजह से कुंभ के आयोजन को सीमित करने की बात की जा रही है। जो कि उचित नहीं है। सरकार व मेला प्रशासन को कुंभ को लेकर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। इस अवसर पर मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानन्द सरस्वती, महंत आशुतोष पुरी, स्वामी सदाशिव, ब्रह्मचारी श्रवणानन्द, ब्रह्मचारी रामानन्द, ब्रह्मचारी चेतनदेव, स्वामी प्रेमानन्द, सती जी आदि मौजूद रहे।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द महाराज ने बताया कि शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के ज्योर्तिमठ पीठ के शंकराचार्य बनने के 50 वर्ष पूरे होने पर मठ द्वारा स्वर्ण ज्योति महामहोत्सव मनाया जा रहा है। कनखल स्थित शंकराचार्य मठ में स्वर्ण ज्योति महोत्सव को लेकर संतों की बैठक के बाद जानकारी देते हुए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बताया कि शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य बनने के 50 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। जिसको लेकर पीठ द्वारा स्वर्ण ज्योति महामहोत्सव मनाया जा रहा है। शंकराचार्य महाराज के सभी शिष्यों और अनुयायियों की इच्छा थी कि यह कार्यक्रम उनके यहां पर संपन्न हो। जिसको देखते हुए यह तय हुआ है कि देश भर में अगले 2 वर्षों तक 50 कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। प्रत्येक माह की शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की द्वादशी के दिन यह कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। आने वाली 10 जनवरी को कनखल स्थित शंकराचार्य मठ में भव्य कार्यक्रम आयोजित होने जा रहा है। जिसमें सनातन धर्म पर चर्चा की जाएगी और शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के सनातन धर्म में योगदान पर भी चर्चा होगी। प्रदेश के अलग अलग स्थानों सहित देशभर के 50 जगह यह कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। 2 वर्ष के अंत में 50 वां कार्यक्रम विशाल रूप से आयोजित किया जाएगा।