हरिद्वार। जूना अखाड़े के म.म.स्वामी यतीन्द्रानन्द गिरी महाराज व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व प्रवक्ता बाबा बलरामदास हठयोगी महाराज ने 2021 में प्रस्तावित कुंभ के आयोजन पर विचार करने की मांग की है। चण्डीघाट स्थित गौरीशंकर गौशाला में पत्रकारो से वार्ता करते हुए म.म.स्वामी यतीन्द्रानन्द गिरी महाराज ने कहा कि कोरोना से उत्पन्न हुई परिस्थितियों में कुंभ का भव्य रूप में आयोजन संभव नहीं है। विपत्ती काल को देखते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद, विद्वत परिषद, श्री गंगा सभा, धर्माचार्यों व सरकार को कुंभ का आयोजन 2022 में कराने पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार चाहे तो वे इसमें सहयोग करने को तैयार हैं। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व प्रवक्ता बाबा बलरामदास हठयोगी महाराज ने कहा कि कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। कोरोना के खतरे के चलते नवरात्र, बैशाखी सहित कई बड़े स्नान पर्व, ईद आदि त्यौहार बेहद साधारण ढंग से संपन्न हुए हैं। बाबा हठयोगी ने कहा कि कोरोना के मामले जिस तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में कुंभ का आयोजन भव्य रूप से हो पाना संभव नहीं दिखता है। सरकार को पूरा ध्यान कोरोना पर लगा हुआ है। जिसके चलते तैयारियां भी बेहद धीमी हैं। कोरोना के चलते संत महापुरूष व बाहरी राज्यों से करोड़ों आस्थावान श्रद्धालु कुंभ स्नान के लिए नहीं आ पाएंगे। बीमारी के डर से जनता भी नहीं आ पाएगी। बीमारी के व्यापक खतरे के बीच बड़े आयोजनों से बचा जाना चाहिए। तब्लीगी मरकज का उदाहरण सबके सामने है। आमजन की सुरक्षा सर्वोपरि है। ऐसे में परंपरांओं की दुहाई देने के बजाए व्यापक जनहित को देखते हुए कंुभ का आयोजन 2022 में करना उचित होगा। उन्होंने कहा कि परंपरांओं के अनुरूप धार्मिक आयोजन होने चाहिए। परंतु जनहित सर्वोपरि है। सनातन धर्माचार्यों एवं सभी तेरह अखाड़ों को कुंभ के आयोजन पर एक बैठक बुलानी चाहिए और वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए कुंभ को 2022 में आयोजित करने की योजना तैयार करनी चाहिए। इस दौरान पूर्व भाजपा विधायक सुरेशचंद जैन भी मौजूद रहे।