प्रसिद्ध चारधाम में शुमार बदरीनाथ धाम के कपाट 15 मई यानी कल ब्रह्ममुहूर्त में खोले जाएंगे। इसे लेकर सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। रावल की अगुवाई में आदिगुरु शंकराचार्य की गद्दी और गाडू घड़ा आज बदरीनाथ धाम पहुंच जाएगी। 15 मई को सुबह 4ः30 बजे पूरे विधि-विधान और मंत्रोच्चारण के साथ बदरी विशाल के कपाट खोले जाएंगे।
विदित हो कि बीते 26 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुल चुके हैं। 29 अप्रैल को बाबा केदारनाथ धाम के कपाट भी खोल दिए गए हैं। इसी क्रम में 15 मई को बदरी विशाल के कपाट खोले जाएंगे। बदरीनाथ धाम के परिसर की रंगाई-पुताई और सैनिटाइजेशन का काम किया जा चुका है। लिहाजा अब डोली पहुंचने का इंतजार है।
वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के चलते देशव्यापी लॉकडाउन लागू है। इसका सीधा असर चारधाम यात्रा पर पड़ता नजर आ रहा है। हालांकि, तीन धामों के कपाट पहले ही खुल चुके हैं। लेकिन, लॉकडाउन के चलते चारधाम की यात्रा शुरू नहीं हो पाई है। ऐसे में अब 15 मई को बदरी विशाल के कपाट खुलने जा रहे हैं। कपाट तो पूरी विधि-विधान से खोले जाएंगे, लेकिन यात्रा पूरी तरह बाधित रहेगी। इतना ही नहीं कोरोना वायरस के चलते बदरी विशाल के कपाट खुलने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी किया जाएगा। इस दौरान 28 लोग ही मौजूद रहेंगे। राज्य सरकार चारधाम यात्रा चलाने को लेकर पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रस्ताव भेज चुकी है। क्योंकि, उत्तराखंड की आर्थिकी का एक मुख्य स्रोत पर्यटन है। लेकिन, लॉकडाउन के चलते उत्तराखंड की आर्थिकी को बड़ा नुकसान पहुंचा है। लिहाजा, उत्तराखंड सरकार सीमित संख्या में पर्यटन को चलाने की अनुमति केंद्र सरकार से पहले ही मांग चुकी है। हालांकि, अभी सहमति नहीं मिली है, लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि 17 मई के बाद सरकार चारधाम की यात्रा और पर्यटन को सीमित संख्या में चलाने की मंजूरी दे सकती है। धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि बदरी विशाल के रावल का क्वॉरेंटाइन समय पूरा होने के बाद अब वो शंकराचार्य की गद्दी के साथ बदरीनाथ धाम के लिए रवाना हो चुके हैं। बताया कि लॉकडाउन को देखते हुए बहुत कम पुजारियों को ही कपाट खुलने के दौरान मौजूद रहने की अनुमति दी गई है। क्योंकि, कोरोना वायरस के कहर की वजह से और इसके संक्रमण को देखते हुए बदरीनाथ धाम में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कपाट खोले जाएंगे। धर्माधिकारी भुवन उनियाल ने बताया कि गुरु शंकराचार्य की गद्दी जोशीमठ से निकलकर पांडुकेश्वर पहुंच चुकी है। लेकिन गुरु शंकराचार्य की गद्दी के साथ बहुत कम लोग ही शामिल हुए हैं। हालांकि, पिछले सीजन में करीब 3 से चार हजार लोग गद्दी की यात्रा में शामिल होते थे। धर्माधिकारी ने बताया कि कपाट खुलने के बाद भगवान बदरीनाथ की अर्चना करेंगे और कोरोना वायरस से विश्व को मुक्त करने की प्रार्थना करेंगे। वहीं, डिमरी पंचायत समाज के अध्यक्ष आशुतोष डिमरी ने बताया कि बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।