हरिद्वार। मध्य हरिद्वार स्थित चन्द्राचार्य चैक से उदासीन सम्पद्राय के प्रवर्तक भगवान श्रीचंद्र की मूर्ति हटाने से संत समाज आक्रोशित हो गया है।
बीती रात हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण द्वारा सौन्दर्यीकरण के लिए मूर्ति को हटा दिया। जिससे संत समाज आक्रोशित हो गया। मौके पर बड़ी संख्या में अखाड़ों से जुड़े संत एकत्रित हो गए और धरने पर बैठ गये। संत समाज के धरने से प्रशासन के हाथ पाँव फूल गए। आनन-फानन में एचआरडीए सचिव व अपर कुम्भ मेलाधिकारी हरवीर सिंह मौके पर पहुंचे और संतों को मनाने का प्रयास किया। लेकिन संतो ने उनकी बात को मानने से इंकार कर दिया। इस दौरान संत समाज शाम तक मूर्ति को पुनः स्थापित करने की मांग पर अड़ा रहा। श्री पंचायती बड़ा अखाड़ा के अध्यक्ष श्रीमहंत महेश्वर दास महाराज ने कहा कि आज शाम तक तक भगवान श्री चंद की मूर्ति को यदि पुनः स्थापित नहीं किया जाता है तो वह आत्मदाह कर लेंगे। संतों का कहना है कि इसके लिए वह किसी को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे, बल्कि अपने आराध्य के सम्मान के लिए स्वंय को पीड़ा पहुंचाने का काम करेंगे। वहीं सचिव हरवीर सिंह ने बताया कि सभी चैराहों के सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है और सौंदर्यीकरण के लिए ही इस मूर्ति को हटाया गया। लेकिन वह खेद व्यक्त करते हैं कि उन्होंने इससे पहले साधु संतों को विश्वास में नहीं लिया। उन्होंने संतो को आश्वासन दिया कि आज शाम तक मूर्ति को पुनः स्थापित करने का काम पूरा हो जाएगा। लेकिन उनके आश्वासन पर भी संत नहीं माने और मूर्ति स्थल चैक पर ही बैठे रहे। धरना देने वाले संतों में बड़ा अखाड़ा के कोठारी दामोदर दास, महेश्वर दास, महंत दुर्गा दास, महंत कामलदास समेत कई संत शामिल रहे।