रुड़की/संवाददाता
कृषि के तीनों काले कानूनों के विरोध में सभी राज्यों में भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के नेतृत्व में बड़ी संख्या में किसान सुभाष चंद्र बोस की जयंती के उपलक्ष्य में आगामी 23 जनवरी को सभी राज्यों के गवर्नर हाउस का घेराव करेंगे।
बुधवार को प्रशासनिक भवन में पत्रकारों से वार्ता करते हुए भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के नेता संजय चौधरी और विजय शास्त्री ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों के विरोध में किसान बड़ी संख्या में सभी प्रदेशों के गवर्नर हाउस का घेराव करेंगे। उन्होंने बताया कि जब तक तीनों कृषि काले कानून वापस नहीं लिए जाते, तब तक किसान इसका विरोध करते रहेंगे। उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी कोई अच्छा निर्णय नहीं लिया है। सुप्रीम कोर्ट को किसानों की बातें सुननी चाहिए थी और तीनों कृषि काले कानूनों को रद्द करना चाहिए था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा जिस कमेटी के बनाए जाने की बात कही गई है, वह कमेटी भाजपा के ही लोगों की है, जो उन्हीं बिलों के समर्थन की बात करेंगे जोकि किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगा। उन्होंने बताया कि किसानों का धरना प्रदर्शन तब तक समाप्त नहीं होगा, जब तक तीनों काले कानून वापस नहीं लिए जाते। भाजपा ने तीनों कानून लाकर किसानों को पूंजीपतियों के हाथ में बेचने का काम किया है। उन्होंने कहा सुप्रीम कोर्ट ने भी वही किया, जो बीजेपी कर रही थी। देश के किसान काले कानूनों के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, अभी तक इस प्रदर्शन में 69 लोगों की जान जा चुकी है और इनकी शहादत को इसी तरह फेल नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसान धरने से या तो बिल वापस करा कर हटेंगे या मर कर हटेंगे। इस अवसर पर वार्ता में विजय शास्त्री, धर्मेंद्र, रवि, विनीत कुमार, बालेंद्र कुमार, राहुल कुमार, नरेंद्र सिंह, विपिन कुमार आदि किसान नेता मौजूद रहे।