किसानों, मजदूरों को दोनों ही सरकारों ने ठगने का काम किया, टोल प्लाजा पर धरना प्रदर्शन में गरजे अम्बावता

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रुड़की/संवाददाता
भाकियू(अ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. ऋषिपाल सिंह अंबावता ने कहा कि केंद्र द्वारा लाया गया कृषि अध्यादेश पूरी तरह से किसान विरोधी है और इसे तत्काल वापस लिया जाना चाहिए। वह आज भगवानपुर हाईवे पर बने टोल प्लाजा पर विशाल धरना-प्रदर्शन पर बैठे सैकड़ों की संख्या में किसानों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज तक की सरकारों ने किसानों का उत्पीड़न करने का कार्य किया और भाजपा की सरकार भी किसानों का शोषण करने पर तुली हुई है, जिसे किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।  उन्होंने कहा कि कुछ नेता यूनियन के नाम पर दलाली करने का काम कर रहे हैं, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। साथ ही कहा कि स्थानीय युवाओं को टोल प्लाजा पर नौकरी दी जानी चाहिए। साथ ही कहा कि जब तक देश का किसान एकजुट नहीं होगा, तब तक उन्हें उनका हक नहीं मिल पायेगा। 9 सूत्रीय मांगों को लेकर एक ज्ञापन भी राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा तहसीलदार को सौंपा गया, जिसमें राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री तथा जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन में मांग की गई है कि भगवानपुर में बने हाईवे पर क्षेत्र के लगभग 80 गांवों का टोल टैक्स फ्री किया जाए, अध्यादेश वापस लिया जाए, किसानों के कर्जा माफ किया जाए, गन्ना भुगतान तुरंत किया जाए, कृषि यंत्रों पर किसानों को सब्सिडी दी जाए, चौड़ीकरण किए गए राजमार्ग में जमीनों का किसानों को तुरंत मुआवजा दिया जाए सहित कई मांगे शामिल है। भाकियू (अ) प्रवक्ता तौफीक अहमद के संचालन ओर राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. ऋषिपाल अंबावता की अध्यक्षता में आयोजित विशाल धरना-प्रदर्शन को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह सैनी ने कहा कि हरिद्वार जिले के सभी विधायक अपने-अपने क्षेत्रों से लापता हो गए हैं, चूंकि सदन में अपनी सुविधाओं के लिए लड़ना, वेतन बढ़वाना इत्यादि तो वह प्रमुखता से करते है जबकि अपने क्षेत्र के किसानों की हालत पर दो शब्द बोलने के लिए उनके पास समय नही है। यही कारण है कि जनता आगामी चुनाव में उन्हें मुंहतोड़ जवाब देगी। उन्होंने सरकार के धान केन्द्र को लूट केंद्र बताते हुए कहा कि आज किसान को धान में तरह-तरह की कमी बताकर उन्हें परेशान किया जा रहा है। इसमें सरकारी तंत्र पूरी तरह सम्मिलित हैं। वहीं विधिक सेल के प्रदेश अध्यक्ष एड. फरमान त्यागी ने कहा कि गन्ना भुगतान को लेकर भाकियू (अ) संगठन की ओर से हाईकोर्ट में एक रिट पिटीसन दाखिल की गई थी, जिस पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए इकबालपुर मिल के मामले में संगठन का हस्तक्षेप भी स्वीकार किया और इस मामले को हाईकोर्ट में बेहतर ढंग से उठाकर किसानों को उनका बकाया पैसा दिलाया जायेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि भाकियू (अ) संगठन ने हमेशा किसानों की आवाज उठाई हैं और उठाता रहेगा। प्रदर्शन को राष्ट्रीय महासचिव राव इरशाद खाँ, जिलाध्यक्ष सागर सिंह, सोनू गुर्जर, रश्मि चौधरी, नीरज सैनी, खालिद पुंडीर, लक्ष्मी शर्मा, चौ. प्रताप सिंह, मोहम्मद इरफान अहमद, जाहिद बाबा, काजी राशिद व चौ. सिताब सिंह ने भी सम्बोधित करते हुए कहा कि किसानों का उत्पीड़न किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा तथा किसानों की मागें यदि शीघ्र पूरी नहीं की गई, तो आगे भी आंदोलन किए जाएंगे। इस अवसर पर विकास त्यागी, चौधरी जयकरण सिंह, राव खालिद पुंडीर, चरण सिंह, राव साजिद, अभिषेक सैनी, रामपाल अम्बावता, प्रवीण गुर्जर, अनीस, विनोद प्रजापति, मुल्कीराज सैनी समेत बड़ी संख्या में क्षेत्रीय किसान, मजदूर मौजूद रहे।

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