बद्रीविशाल ब्यूरो
हरिद्वार। कर्ज से परेशान एक चाट कारोबारी ने अपने ही अपहरण का ऐसा ताना बाना बुना कि घरवालों ने अनहोनी समझकर मातम भी मनाना शुरू कर दिया। लेकिन कारोबारी 08 दिन बाद अचानक अपने घर लौट आया। वहीं झूठी कहानी रच पुलिस को भी भ्रमित करने के चलते कारोबारी का पुलिस एक्ट में चालान कर दिया गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक बीती 1 अप्रैल को अजीत कश्यप पुत्र राकेश कुमार (28 वर्ष) निवासी देवबन्द जिला सहारनपुर अपनी रानीपुर मोड हरिद्वार स्थित दुकान भगत जी चाट भण्डार से अपने घर के लिये निकला, लेकिन घर नहीं लौटा। काफी खोजबीन के बाद भी जब उसका कोई पर नहीं चल पाया तो युवक के सासरालियों ने नगर कोतवाली में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई।
जिस पर कोतवाली नगर पुलिस की अलग अलग 05 टीमें व एक टीम सादे वस्त्रो में गठित की गई। टीम ने घटनास्थल से लेकर रोडवेज बस अड्डा, रेलवे स्टेशन, टैक्सी स्टैंण्ड, भूपतवाला, कोर इंजीनियंरिग काँलेज रुडकी, बहादराबाद, चण्डीघाट से ऋषिेकेश तक 150 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज चैक किए। इस दौरान युवक अपनी गाडी को रुडकी मे खडा कर ऋषिकेष की बस से जाते दिखा। जिस पर एक टीम ऋषिकेश भेजी गई। जहां काफी खोजबीन के बाद युवक पुलिस को मिल गया।
पूछताछ में युवक ने बताया कि उसने देवबन्द में कुछ लोगो के पैसे देने थे। जिस पर उसने अपने अपने गायब होने की झूठी कहानी रच कर रुड़की कोर कॉलेज के पास खाली पड़े प्लॉट में बाइक खड़ी कर अपने दोस्त को फोन किया कि कुछ लोग उसके पीछे पड़े है इसके बाद उसने मोबाइल से सिम निकाल कर फेंक दिया और फिर सीसीटीवी कैमरों से छिपते छुपते बस से ऋषिकेश जा पहुंचा और ख़ुद नींद की गोली खाकर ख़ुद को ज़हर खुरानी गिरोह का शिकार होने का ड्रामा किया।
पुलिस ने आरोपी युवक के क़ब्ज़े से हरिद्वार से ऋषिकेश जाने की बस टिकट बरामद कर 83 पुलिस एक्ट में उसका चालान कर दिया।