हरिद्वार। सीएए और एनआरसी के विरोध में ग्राम सराय स्थित बिलाल मस्जिद में हजारों लोगों ने जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शन कर सरकार से सीएए को तत्काल वापस लेने की मांग की। बसपा नेता मुकर्रम अंसारी एवं मुशर्रफ अंसारी प्रधान के संयुक्त नेतृत्व में हुए प्रदर्शन के बाद राष्ट्रपति को ज्ञापन भी प्रेषित किया गया। एसडीएम सदर कुश्म चौहान व एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय ने प्रदर्शनकारियों से ज्ञापन लिया।
इस दौरान मुकर्रम अंसारी ने कहा कि भारत पूरे विश्व में सहिष्णुता, गंगा जमुनी तहजीब, आपसी भाईचारे और वसुधैव कुटुम्बक की परंपराओं का निर्वहन करने वाले देश के रूप में अपनी पहचान रखता है। देश का संविधान प्रत्येक नागरिक को जीने का अधिकार व धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान करता है। संविधान द्वारा स्थापित मर्यादाओं और परंपराओं का निर्वहन करना सबको करना चाहिए। विचारों की विभिन्नता का मकसद विरोध नहीं होना चाहिए। भारत सरकार द्वारा गैर संविधानिक सीएए पारित कर मुस्लिम समाज के साथ भेदभाव किया गया है। जो कि मुस्लिम समाज के साथ अन्याय के समान है। उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर भेदभाव करना भारतीय संस्कृति नहीं है। उन्होंने कहा कि समान रूप से सभी के हक हकुकों को संरक्षित रखा जाना चाहिए।
प्रधान मुशर्रफ अंसारी ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून भेदभाव पूर्ण है। राजनीतिक लाभ उठाने के लिए भाजपा सरकार ने इसे पारित किया है। आपसी भेदभाव बढ़ाने वाले इस कानून को कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा। सरकार को इसे तत्काल वापस लेना चाहिए। अथर अंसारी ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून संविधान के विरूद्ध है। कानून भारत की सहिष्णु संस्कृति, गंगा जमुनी तहजीब और आपसी भाईचारे के भी खिलाफ है। इसे देश हित में वापस लिया जाना आवश्यक है। संविधान को तोडऩे मरोडऩे का काम कुछ ताकतों द्वारा किया जा रहा है। बाबा साहेब डा.भीमराव अंबेडकर के बनाए हुए संविधान से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ देश की जनता स्वीकार नहीं करेगी। अथर अंसारी ने कहा कि इस कानून को लेकर देश भर में विरोध हो रहा है। उसके बावजूद भी सरकार इस और कोई ध्यान नहीं दे रही है। कई मौंते हो चुकी हैं। पूलिस बलपूर्वक आंदोलन करने वालों को दबाने का काम कर रही है। देश की शांति व्यवस्था को बिगाडऩे का काम खुद सत्ताधारी नेता कर रहे हैं।
इस काले कानून को तुरंत वापस लिया जाए। प्रदर्शन करने वालों में मौ.यासीन, हाजी मौ.कासिम, नदीम अहमद, शिवकुमार, अनूप सिंह, सलीम प्रधान, नजाकत प्रधान, तालिब प्रधान, ताहिर प्रधान, सोनू, नाहिद, अकरम अंसारी, फईम, राजा, नदीम, अनीस, आबाद कुरैशी, साजिद अली, हाजी मकबूल, धन सिंह, प्रकाश, सतीश, रविश, इसरार, शहीद, नासिर, इरशाद, कलीम, सगीर आदि सहित हजारों लोग शामिल रहे।