हरिद्वार। विश्व शांति, कोरोना समाप्ति तथा देश की सुख-समृद्वि के लिए निकाली जा रही जूना अखाड़े की प्राचीन छड़ी यात्रा का पिथौरागढ़ पहुंचने पर सत्कर्मा मिशन के संस्थापक श्रीमहंत वीरेन्द्रानंद की अगुवाई में स्थानीय नागरिकों ने पुष्पवर्षा कर परम्परागत वाद्य यंत्रांे, ढोल नगाड़ांे, दमाउ शंख, तुरही आदि की ध्वनि से भव्य स्वागत किया। सत्कर्मा मिशन के संयोजक भूपेश विष्ट के निर्देशन में तथा संचालक ललित शौर्य के संयोजन में छड़ी की शोभायात्रा नगर में निकाली गयी। शोभायात्रा में कुमायूॅं की परम्परागत वेशभूषा में श्रृंगार ढाल, तलवार के करतब दिखाते हुए आगे आगे चल रहे थे। शोभायात्रा लिंकरोड, अप्टैक तिराहा, नगरपालिका,घ् ांटाकरण, सिल्थाम, टनकपुर रोड होते हुए एशियन एकेडमी स्कूल एैंचोली पहुंची। जहां आयोजित भव्य समारोह में पवित्र छड़ी की ब्राहमणों द्वारा पूजा अर्चना की। श्रीमहंत वीरेन्द्रानंद ने छड़ी प्रमुख श्रीमहंत प्रेमगिरि महाराज तथा साधुओं के जत्थे का माल्यापर्ण कर स्वागत किया। इस अवसर पर श्रीमहंत प्रेमगिरि उपस्थित विशाल जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुए कहा यह प्राचीन पवित्र छड़ी यात्रा राष्ट्र में शांति समृद्वि व वैभव की वृद्वि व कोरोना जैसी महामारी की समाप्ति की कामना के साथ पूरे उत्तराखंड में की जा रही है। अपनी इस यात्रा के दौरान पवित्र छड़ी चारों धाम तथा गढ़वाल व कुमायूॅं मण्डल के समस्त तीर्थांे में पूजा अर्चना कर पिथौरागढ़ पहुंची है। उन्होंने कहा इस पुनीत कार्य मंे स्वामी वीरेन्द्रानंद भी अपनी संस्था सत्मर्क मिशन के माध्यम से जुटे हुए है। स्वामी वीरेन्द्रानंद की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा उन्होंने प्राकृतिक आपदा व कोरोना महामारी में उत्तराखंड वापिस आने वाले हजारों प्रवासियों को भोजन, राशन, आवश्यक वस्तुएं प्रदान करने के अलावा हजारों लोगों को मिशन की बसाों द्वारा उनके घर पहुंचाया है। जिसके लिए वह साधुवाद के पात्र है। श्रीमहंत प्रेमगिरि महाराज ने जूना अखाड़ा की ओर से रूद्राक्ष की माला व शाॅल ओढ़ाकर कर उनका अभिनन्दन किया। बुधवार को प्राचीन पवित्र छड़ी श्रीमहंत प्रेमगिरि महाराज, श्रीमहंत वीरेन्द्रानंद महाराज, श्रीमहंत शिवदत्त गिरि, श्रीमहंत विशम्भर भारती, श्रीमहंत पुष्करराज गिरि, श्रीमहंत अजयपुरी आदि के नेतृत्व मंे असकोट होते हुए नारायणमढ़ आश्रम को रवाना हुयी।