हरिद्वार। जूना अखाड़े की प्राचीन छड़ी यात्रा बुधवार को लगभग 140 किलोंमीटर की दुगर्म पहाड़ी यात्रा कर भारत चीन सीमा पर स्थित नारायण आश्रम मठ पहुंची। जहां मठ के पीठाधीश्वर व वैदिक ब्राहमणों ने पवित्र छड़ी की पूजा अर्चना की तथा पुष्प वर्षा से स्वागत किया। छड़ी प्रमुख महंत श्रीमहंत प्रेमगिरि महाराज तथा श्रीमहंत वीरेन्द्रानंद की अगुवाई में साधुओं के जत्थे ने ओम पर्वत की पूजा अर्चना की। पवित्र छड़ी असकोट स्थित पौराणिक मल्लिकार्जून महादेव मन्दिर ज्योलेश्वर महादेव मन्दिर, कालामुनि में काली मन्दिर के दर्शनों के साथ-साथ थल स्थित भगवान शिव के मन्दिर पूजा अर्चना के लिए पहुंची। 16वीं शताब्दी के इस शिव मन्दिर में शिवजी के बाल रूप की पूजा होती है। इसलिए इसे बालेश्वर महादेव भी कहा जाता है। पवित्र छड़ी ने शिवजी के बाल रूप की पूजा अर्चना की तथा विश्व में शांति, सुख, समृद्वि प्राप्त करने व समस्त दुखों से मुक्ति के लिए प्रार्थना की। यहां से छड़ी भ्रमण करती हुई जूना अखाड़े के अन्र्तराष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेमगिरि तथा श्रीमहंत वीरेन्द्रानंद के नेतृत्व में साधुओं के जत्थे के साथ चकोड़ी रात्रि विश्राम के लिए पहंुची।