हरिद्वार। तीर्थ नगरी हरिद्वार में छठ महापर्व के मौके पर लोगों में काफी उत्साह देखने को मिला। शनिवार शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद रविवार को श्रद्धालुओं ने उगते सूर्य को अर्घ्य देकर भगवान भास्कर की उपासना की और अपने व्रत का परायण किया। इस दौरान गंगा के घाटों पर बड़ी संख्या में लोग सूर्य की पूजा करने के लिए पहुंचे। उन्होंने भगवान भास्करकी पूजा-अर्चना के साथ अर्घ्य देकर सुख-समृद्धि की कामना की। विदित हो कि शुक्रवार की शाम को खरना के बाद निर्जला व्रत शुरू हुआ था, जो शनिवार की रात तक जारी रहा। छठी मईया की पूजा का व्रत 36 घंटे निर्जला रखा जाता है। छठ पूजा का सबसे महत्वपूर्ण अंग व्रत के दौरान पवित्रता और भगवान सूर्य को अर्घ्य देना है। रविवार को छठ का व्रत रखने वाले सभी लोगों ने उगते सूरज को अर्घ्य देने के बाद व्रत तोड़ा। इस दौरान प्रेमनगर आश्रम घाट, सतीघाट व हरकी पैड़ी पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। छठव्रतियों ने बताया कि छठ का पर्व इसलिए मनाते हैं, जिससे उनके परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहे। कई महिलाओं का ये भी मानना है कि, उनकी कई ऐसी मन्नतंे पूरी होती हैं, जिनकी उन्हें उम्मीद ही नहीं होती, लेकिन छठी मैया की पूजा-अर्चना और व्रत रखने के बाद उनकी सभी मन्नतें पूरी हो जाती हैं। यही कारण है कि वो इस पर्व को बड़े ही धूमधाम से और श्रद्धा पूर्वक मनाती हैं।