हरिद्वार। अंग्रेजों भारत छोड़ो के ऐतिहासिक दिन के अवसर पर सीआईटीयू हरिद्वार व अखिल भारतीय किसान सभा हरिद्वार ने देश में बढती मंहगाई, बेरोजगारी, आर्थिक मंदी, स्वास्थ्य सेवा की बदहाली के लिये केन्द्र एवं राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुये रैली व प्रदर्शन कर नगर मजिस्ट्रेट के माध्यम से 14 सूत्री मांग पत्र राष्ट्रपति को भेजा। मॉग पत्र मे बढती मंहगाई पर रोक लगाने, मजदूर कानूनों में संशोधन कर चार लेबर कोड को निरस्त कर पूर्व कानूनों की वहाली करने, तीनों किसान कानूनों को वापस लेने, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों के निजीकरण पर रोक लगाने, न्यूनतम वेतन 21000 किये जाने, किसानों को फसल का गारन्टीशुदा न्यूनतम समर्थन मूल्य दिये जाने, आवश्यक वस्तु अधिनियम पूर्व की भांति यथावत रखने, किसान आन्दोलन का समर्थन करने वाले आम नागरिकों व किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने, बजट का 6 प्रतिशत स्वास्थ्य सेवाओं के लिये आवंटित करने, सभी नागरिको को एक समय सीमा के भीतर कोविड का मुफ्त टीका करण सुनिश्चत करने, पैट्रोल-डीजल, रसोई गैस, खाद्य तेल आदि में बेहतासा मूल्य बढोत्तरी पर रोक लगाने, मनरेगा मे 600 प्रति दिन मजदूरी व रुपए 200 प्रतिदिन भुगतान करने आदि मांगे शामिल थी ।
सीटू कार्यकर्ता भेल रानीपुर स्थित यूनियन कार्यालय में एकत्रित हुए तथा रैली निकालते हुए चंद्राचार्य चौक, होते हए नगर मजिस्ट्रेट कार्यालय पहुंचे। नगर मजिस्ट्रेट कार्यालय पर आम सभा की गई। आम सभा को सम्बोधित करते हुये वक्ताआंे ने केन्द्र व राज्य सरकार की नीतियों को जमकर कोसा। प्रदर्शन में पीडी बलोनी, आरसी धीमान, एमपी जखमोला, इमरत सिंह, आरपी जखमोला, राजकुमार, केपी केषटवाल, कदम सिंह, वीरेन्द्र सिंह, अशोक, आदेश, सहेन्द्र, जयपाल सिंह, दीपक, अरुण कुमार, सुनील, हरीश चन्द, लालदीन, सत कुमार, राजेन्द्र कुमार, अबलिस कुमार, संदीप कुमार, अमरिश, विनोद कुमार, संजीव कुमार,सोनू त्यागी, जोनी कुमार आदि शामिल रहे।