हरिद्वार। नागा सन्यासियों के सबसे बड़े अखाड़े श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा,आवाहन अखाड़ा तथा अग्नि अखाड़ा की धर्मध्वजा स्थापित किये जाने की बुधवार सबेरे से ही जोरदार तैयारियां चल रही थी। इन धर्म ध्वजा की स्थापना शाम 4 बजे की जानी थी, जिसमें मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के भी शामिल होने की संभावना थी, हालांकि मुख्यमंत्री के कार्यालय से जारी प्रोटोकाल में इसका उल्लेख नही था, लेकिन मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत सारे प्रोटोकाल तोड़ते हुए हैलीपैड से सीधे जूना अखाड़ा पहुंचे। जहां अखाड़े के जूना अखाड़े के अन्र्तराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि महाराज, अन्र्तराष्ट्रीय सभापति प्रेम गिरि महाराज, मोहन भारती, महेशपुरी, शेैलेन्द्र गिरि, गणपतगिरि, विद्यानंद सरस्वती, नारायण गिरि, थानापति नीलकंठ गिरि ने उनका स्वागत किया। श्रीमहंत हरिगिरि महाराज के संयोजन में मुख्यमंत्री श्री रावत ने अधिष्ठात्री देवी मायादेवी की पूजा अर्चना कर कुम्भ 2021 के सफल, कुशल व निर्विध्न सम्पन्न होने का आर्शीवाद मांगा। दत्तात्रेय चरणपादुका के दर्शन कर मुख्यमंत्री श्रीरावत ने नारियल फोड़कर धर्मध्वजा स्थापना के कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री मायादेवी मन्दिर प्रांगण में ही स्थापित होने वाली आवाहन अखाड़े की धर्मध्वजा के धार्मिक आयोजन का शुभारम्भ करने आवाहन अखाड़े की चरणपादुका पहुंचे। जहां राष्टीय महामंत्री सत्यागिरि महाराज के नेतृत्व में श्रीमहंत नीलकंठ गिरि, बिहारी गिरि, राजेश गिरि, राजेन्द्र भारती, भोला गिरि, कैलाशपुरी, बालयोगी पुरी, मनमोहन गिरि, घनश्याम गिरि आदि ने स्वागत किया। अखाड़े के इष्टदेव भगवान गणेश की पूजा अर्चना के पश्चात मुख्यमंत्री ने नारियल फोटकर धर्मध्वजा स्थापना कार्यक्रम का श्रीगणेश किया। यहां से मुख्यमंत्री अग्नि अखाड़े की चरणपादुका पहुचे,जहां सभापति मुक्तानंद बापू, आनन्द चैतन्य, साधनानंद, निलेश चैतन्य, महामंत्री सोमेश्वरानंद, सम्पूर्णानंद, नारायण प्रकाश, महामण्डलेश्वर कनकेश्वरी देवी, महामण्डलेश्वर विष्णुदेवानंद आदि ने स्वागत किया। श्रीरावत ने अखाड़े की इष्टदेवी गायत्री माता की पूजा अर्चना कर नारियल फोड़कर धर्मध्वजा स्थापना कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। वही मुख्यमंत्री ने किन्नर अखाड़े के संतो और महामण्डलेश्वरों से भी भेंट की तथा कुम्भ मेले की व्यवस्थाओं के बारे में चर्चा की। बताते चले कि किन्नर अखाड़ा पहली बार आचार्य महामण्डलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के नेतृत्व में हरिद्वार कुम्भ मेला में धर्म ध्वजा स्थापित कर जूना अखाड़े के साथ शाही स्नान करेगा। इसके साथ साथ दण्डी स्वामी जी हरिद्वार में जूना अखाड़े के साथ पहली बार शाही स्नान में भाग लेंगे।