हरिद्वार। पूर्व विधायक अमरीश कुमार ने कहा कि हरिद्वार में आयोजित होने वाला कुंभ महापर्व 2021 अनियोजित एवं दिशाहीन होगा। जिसमें परंपराओं व धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। मेलाा शुरू होनेे में चंद दिन शेष रह गए हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्य पूरा नहीं हुआ है। इसको लेकर कांग्रेसी 4 जनवरी को हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण के कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करेंगे।
प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए अमरीश कुमार ने कहा कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि मेला सर पर आ गया है लेकिन उसके कार्य पूरे नहीं हो सके हैं। कुंभ महापर्व को लेकर शासन की ओर से 31 दिसंबर तक कार्य को पूरा करने का निर्देश दिये गये थे। लेकिन अभी तक कुंभ का कोई कार्य पूरा नहीं हुआ है। जगह-जगह सड़कें क्षतिग्रस्त है। भूमिगत विद्युत लाइनों में फाल्ट आ रहा है। वहीं पीडब्ल्यूडी के मानकों के विपरित सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। शहर में कूड़े का अंबार लगा हुआ है। इसके चलते शहर पर बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। ज्वालापुर क्षेत्र की पूर्ण उपेक्षा की गई है। उन्होंने कहाकि होना तो यह चाहिए था कि संपूर्ण हरिद्वार जनपद को कुंभ मेला क्षेत्र में शामिल किया जाना चाहिए था। केंद्र की मोदी सरकार की ओर से उत्तराखंड के प्रति भेदभाव क्या जा रहा है। कुंभ मेले की भी उपेक्षा की जा रही है। मेला बजट जारी करने में कोताही की जा रही है। एक ओर सरकार दिव्य और भव्य महाकुंभ के आयोजन की बात कर रही है। वहीं आमजन को कुंभ स्नान से वंचित करने का प्रयास चल रहा है। कृषि बिल को लेकर अमरीश कुमार ने किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार हिटलर शाही पर उतारू है। किसानों को कडा़के की ठंड में लगातार 35 दिनों से आंदोलन करना पड़ रहा है। लेकिन सरकार को किसानों की तनिक भी चिंता नहीं है।
पूर्व राज्यमंत्री डॉ. संजय पालीवाल ने कहा कि कुंभ मेला निधि से शहर में स्थाई कार्य किए जाने चाहिए थे, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहाकि कुंभ का बजट हरिद्वार के विकास पर खर्च किया जाना चाहिए। पूर्व में कांग्रेस सरकार के शासनकाल में हरिद्वार में मेला अस्पताल एवं सीसीआर भवन का तोहफा दिया गया था। वर्तमान में सरकार को मेला हस्पताल को ऑपरेटिव रेट किया जाना चाहिए था, ताकि स्थानीय लोगों को लाभ मिल सके। पत्रकार वार्ता के दौरान संजय अग्रवाल, मुरली मनोहर सहित अन्य लोग मौजूद रहे।