रुड़की। जहाजगढ़ में स्थित कम्पनियों से टॉयलेट का गंदा पानी टैंकर के जरिये सड़क के किनारे डाला जा रहा हैं। इसकी शिकायत कई बार उद्योग स्वामियों के साथ ही टैंकर मालिक व पीसीबी अधिकारी से की गई, लेकिन नतीजा सिफर रहा। स्थानीय समाजसेवी लोगोें ने बताया कि बंदाखेड़ी में जितने भी उद्योग लगे हुये हैं, इनकी पानी निकासी का कोई साधन नहीं हैं। इनमें कई उद्योग तो अपना गंदा पानी बौरिंग के जरिये जमीन में उतार रहे हैं, जो जमीनी जलस्तर में मिलकर नलों के जरिये बाहर आ रहा हैं तथा कुछ उद्योग मालिक टैंकर के जरिये अपना दूषित पानी हाईवे किनारे डलवा रहे हैं। इसी कड़ी में क्षेत्र के आस-पास के रहने वाले कुछ व्यक्ति टैंकर चलाते हैं और वह मोटे पैसे लेकर किसी नियत स्थान पर डालने के बजाये इस गंदे पानी को सड़क किनारे जान- बूझकर डाल देते हैं। वहां से निकलने वाली दुर्गन्ध सड़क पर आने-जाने वाले लोगों को बेहद परेशान कर रही हैं। इसलिए वाहन चालक अपनी नाक पर कपड़ा रखकर आते-जाते हैं। प्रदूषण अधिकारी भी शिकायत के बावजूद इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। यही कारण है कि कम्पनी स्वामी और टैंकर मालिकों के हौंसले बुलंद हैं और वह अपनी हठधर्मिता के चलते गंदे नाले में पानी को डालने के बजाये सड़क के किनारे ही उड़ेल रहे हैं, जिससे आस-पास का पूरा वातावरण दूषित हो रहा हैं, लेकिन शिकायत के बावजूद भी इनके खिलाफ कोई कार्रवाई आज तक नहीं हो पाई। इस सम्बन्ध मंे जिलाधिकारी के साथ ही देहरादून में बैठे उच्च अधिकारियों को भी अवगत कराया गया हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि उक्त टैंकर चालकों के खिलाफ क्या कार्रवाई हो पायेगी? यह तो आने वाला समय ही बता पायेगा।