भगवान के दर पर भी पड़ा कोरोना का असर

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हवन यज्ञ कर कोरोना से बचाव की भगवान से की प्रार्थना
हरिद्वार।
कहते है। कि जब व्यक्ति पर कोई भी संकट आता है तो वह भगवान को या तो याद करता है या फिर उसके दर पर अपनी फरियाद लेकर जाता है। किन्तु कोरोना रूपी संकट ने भगवान को भी नहीं बक्शा। कोरोना का खौफ मंदिरों में भी दिखायी दिया। कोरोना के चलते सभी मंदिरों को आज बंद रखा गया। हरिद्वार का ह्दय कही जाने वाली हरकी पैड़ी आज यात्री विहिन दिखायी दी। हरकी पैड़ी पर एक परिंदा तक नजर नहीं आया। वहीं सिद्धपीठ मां चण्डी देवी, मंशादेवी, दक्ष प्रजापति मंदिर,

दरिद्रभंजन समेत तमाम मंदिर बंद रहे।मंशा देवी और चण्डी देवी मंदिर को प्रशासन द्वारा 31 मार्च तक बंद रखने के निर्देश पूर्व में दिए जा चुके थे। वहीं हरकी पैड़ी पर होने वाली गंगा आरती पर भी श्रद्धालुओं की मौजूदगी पर रोक के आदेश पारित किए थे। मंगर पीएम मोदी के जनता कर्फ्यू को अन्य मंदिरों पर भी व्यापक असर देखने को मिला। शहर के तमाम प्रतिष्ठित मंदिर प्रातः सात बजे के बाद बंद कर दिए गए। इसी के साथ कोरोना के प्रकोप को समाप्त करने के लिए रविवार को दिन भर धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया गया। चण्डी घाट स्थित गौरशंकर गौशाला में बाबा बलराम दास हठयोगी के संयोजन में हवन का आयोजन कर कोरोना महामारी से निजात की भगवान से प्रार्थना की गई। लोगोें ने घरों में महामृत्युजय मंत्र से हवन कर कोरोना से जनमानस को निजात दिलाने की मांग की। वहीं शनिवार की शाम को कुशावर्त घाट पर कोरोना से निजात के लिए अघोर महामृत्युजय मंत्र के साथ हवन किया गया।

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