बद्रीविशाल ब्यूरो
योगगुरु बाबा रामदेव की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही। इस बार दिल्ली हाईकोर्ट में पतंजलि आयुर्वेद और बाबा रामदेव सहित अन्य के खिलाफ एक जनहित याचिका दाखिल हुई है। जिसमें आरोप है कि बाजार में दिव्य मंजन को शाकाहारी उत्पाद बताकर बेचा जा रहा है, जबकि उसमें मछली के तत्व शामिल हैं। याचिका को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार, पतंजलि, बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण और नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया।
याचिका में बताया गया है कि दिव्य मंजन या दिव्य दंत मंजन को शाकाहारी बताकर उसकी पैकिंग पर हरे रंग का विशेष चिन्ह अंकित किया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि दिव्य मंजन में एक तत्व सामुद्रफेन मछली से बनाया जाता है, जिसके मंजन में इस्तेमाल से वे हैरान हैं। याचिकाकर्ता और उनके परिवार ने प्रोडक्ट का लंबे समय से इस्तेमाल कर यह सोचकर किया कि यह पूरी तौर पर शाकाहारी है।आखिरकार, रामदेव ने खुद अपने यूट्यूब वीडियो में स्वीकार किया है कि सामुद्रफेन से निकाला जाता है और इसका दिव्य मंजन में इस्तेमाल हो रहा है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि ब्राह्मण परिवार से संबंध रखता है, जहां मांसाहारी उत्पादों का सेवन धार्मिक नजरिए से पूरी तरह वर्जित है। इसके बाद उत्पाद को लंबे समय से इस्तेमाल करने पर उन्हें गहरा धक्का पहुंचा है। याचिकाकर्ता ने मई 2023 में दिल्ली पुलिस को शिकायत की, और स्वास्थ्य मंत्रालय, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई), केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन और आयुष मंत्रालय में भी शिकायत की, लेकिन अब तक किसी भी संस्था ने कोई कार्रवाई नहीं की है।