दैनिक बद्री विशाल
रुड़की/संवाददाता
‘ये क्या हो रहा है’ जुबान से निकलते ही इंसान सोच में पड़ जाता है कि आखिर माजरा क्या है। जी बिल्कुल ऐसा ही, लेकिन अगर यहां देखे तो माजरा नहीं बल्कि पूरा दृश्य ही हिलाकर रख देने वाला है।
ऐसा हम इसलिये कह रहे है कि जो दृश्य आज सुबह के समय नगर निगम के मुख्य द्वार पर देखने को मिला, उससे तो यही अंदाज लगाया जा सकेगा।
जो लोग रुड़की व आसपास खड़े होकर सड़कों पर खुले में मास्क बेच रहे है, वह मास्क नहीं बल्कि लोगों को सीधे-सीधे बीमारी परोस रहे है। जिसकी ओर शायद अभी तक प्रशासन का ध्यान भी नही गया। ऐसे दुकानदार पुलिस कर्मियों के सामने ही मास्क के रुप में लोगों को मौत बाँट रहे है। इन्हीं बातों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस तरह खुले में बिकने मास्क लगाकर लोग बचेंगे या मरेंगे। क्योंकि स्वास्थ्य विभाग की गाइड लाइन के अनुसार केवल मेडिकल स्टोर पर ही सुरक्षा (पैकेट में डालकर) के साथ विक्रय हो सकते है। जो दुकानदार ऐसे खुले में खड़े होकर मास्क को बेच रहे है, उन पर न जानें कितने लोग हाथ लगाकर चेक करते होंगे और कौन इन मास्क का प्रयोग करता होगा, ऐसे में दुकानदार सरासर लोगों को मौत का सामान बेच रहे है।