हरिद्वार। मेलाधिकारी दीपक रावत ने आज कुम्भ की व्यवस्थाओं की तैयारियों की दृष्टि से मेला क्षेत्र एवं घाटों आदि का स्थलीय निरीक्षण किया।
मेलाधिकारी ने सर्वप्रथम डामकोठी के पुनर्नवीनीकरण के कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों से कार्य की धीमी गति के सम्बन्ध में पूछा। इसके बाद मेलाधिकारी ओम घाट पहुंचे, जहां उन्होंने पेड़ों के लिये बनाये गये घेरों की पेण्टिंग करने, ओम घाट व अलकनन्दा घाट के बीच जहां पर असमतल क्षेत्र है, वहां पर स्थाई रूप से पुलिस की तैनाती करने, घाटों के नामों को नये सिरे से आकर्षक रूप में लिखने, जितने भी ब्रिज बने हैं, उनके ऊपर नाम लिखने, अलकनन्दा घाट के सामने बने मन्दिर की पेण्टिंग करने के निर्देश अधिकारियों को दिये।
दीपक रावत ने अलकनन्दा घाट पर पुराने टाइल्स बदलने से निकले मलबे के पड़ा होने पर नाराजगी जताई तथा उसे तुरन्त हटाने के निर्देश दिये। उन्होंने घाट पर पत्थर के बोल्डर पड़े होने पर जानकारी ली। उन्होंने बिड़ला घाट पर तुरन्त चेन लगाने के भी निर्देश अधिकारियों को दिये। मेलाधिकारी ने बिड़ला घाट के सामने बने शौचालय का भी निरीक्षण किया। उन्होंने शौचालय की व्यवस्थाओं की प्रशंसा की। मेलाधिकारी इसके पश्चात विष्णुघाट पहुंचे, जहां उन्होंने ब्रिज की पेण्टिंग करने, चेंजिंग रूम ठीक हालत में नहीं हैं, उन्हें बदलने, ब्रिज के नीचे पानी के बड़े पाइप लाइन की लीकेज ठीक करने के निर्देश अधिकारियों को दिये।
दीपक रावत ने हरकीपैड़ी पर होटल चोटीवाला के बगल में बने मन्दिर की पेण्टिंग कराने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने हरकीपैड़ी पर फैले तारों के सम्बन्ध में भी अधिकारियों से जानकारी ली।
दीपक रावत ने पन्तदीप की ओर जाने वाले ब्रिज पर लाइटिंग की व्यवस्था करने, पन्तदीप में टाइल लगाने के कार्य मंे तेजी लाने, पन्त दीप पर बने वाॅचिंग टावर पर पेण्टिंग कराने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने पन्तदीप में बने सेक्टर मजिस्ट्ेट कार्यालय का भी निरीक्षण किया। उन्होंने प्रत्येक सेक्टर में पानी का छिड़काव कराने के निर्देश जल निगम के अधिकारियों को दिये।
निरीक्षण के दौरान अपर मेला अधिकारी, डाॅ. ललित नारायण मिश्र, रामजी शरण शर्मा, उप मेलाधिकारी, अंशुल सिंह, दयानन्द सरस्वती, किशन सिंह नेगी, सेक्टर मजिस्ट्ेट, अधीक्षण अभियन्ता, तकनीकी प्रकोष्ठ, कुम्भ मेला, हरीश पांगती, विशेष कार्याधिकारी, कुंभ मेला, महेश शर्मा, विद्युत, सिंचाई, लोक निर्माण, पेयजल, जल संस्थान, यूपीडीसीसी सहित संबंधित विभागांें के अधिकारी उपस्थित थे।