गुलदार की दस्तक से खौफ में लोग, वन महकमे से की निजात दिलाने की मांग
हरिद्वार। रानीपुर कोतवाली क्षेत्र स्थित भेल क्षेत्र में पिछले एक सप्ताह से गुलदार की दस्तक से स्थानीय लोग दहशत में हैं। गुलदार के फिर से देखे जाने के बाद लोगों ने वन विभाग से जल्द निजात दिलाने की मांग की है।
क्षेत्र में लगातार दस्तक दे रहे गुलदार को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम ने पिंजरा लगाना शुरू कर दिया है। वहीं कई दिन बीत जाने के बाद गुलदार वन विभाग की पकड़ से बाहर है। ऐसे में वन विभाग ने लोगों से अपील की है कि लोग जंगल से सटे स्थान पर जाने से बचें। बता दें कि हरिद्वार का भेल क्षेत्र राजाजी टाइगर रिजर्व से सटा हुआ इलाका है। यही कारण है कि लगातार आसपास की आबादी वाले क्षेत्रों में जंगली जानवरों का खतरा मंडराता रहता है। इतना ही नहीं इससे पहले भी कई बार हाथी, गुलदार और अन्य जंगली जानवर कई बार स्थानीय लोगों पर हमला कर चुके हैं। वहीं इन कॉलोनी वासियों ने वन विभाग से जल्द गुलदार से निजात दिलाने की मांग की है। डीएफओ आकाश वर्मा का कहना है कि गुलदार को पकड़ने के लिए आसपास के क्षेत्रों में चार पिंजरे लगाए गए हैं। वन विभाग ने अपनी सुरक्षा प्रणाली को और मजबूत किया है। साथ ही गुलदार के आने-जाने के मार्गों को भी चिह्नित किया गया है। जल्द गुलदार को पकड़ लिया जाएगा।
इसके साथ ही गुरुवार की रात भेल क्षेत्र में हाथियों के झुण्ड के घुस आने से अफरा-तफरी मच गई। हाथियों के झुण्ड ने एक महिला पर हमला भी कर दिया जिस कारण वह घायल हो गयी। गुलदार और हाथियों के लगातार रिहायशी क्षेत्र में आने से लोग खौफजदा हैं। वहीं डीपीएस स्कूल की दीवार पर गुलदार को दो दिन पूर्व देखे जाने से स्कूली बच्चों में परिवार जनों में भी भय का माहौल है।
लगातार क्षेत्र में गुलदार और हाथियों की आवाजाही के चलते और जान व माल के नुकसान के बाद एड. अरूण भदौरिया ने शुक्रवार को हरिद्वार जिलाधिकारी दीपेन्द्र चौधरी, डीएफओ आकाश वर्मा व वन मंत्री हरक सिंह रावत को कानूनी नोटिस भेजा है। नोटिस में श्री भदौरियों ने कहा कि लगातार भेल क्षेत्र में गुलदार की दस्तक के बाद भी कोई कार्यवाही न करना अधिकारियों और मंत्री की लापरवाही को उजागर करता है। उन्होंने कहाकि आमजन की जंगली जानवरों से सुरक्षा के लिए तत्काल ठोस कार्यवाही किए जाने की आवश्यकता है।