हरिद्वार। नाबालिग से दुष्कर्म मामले में आरोपी शांतिकुंज प्रमुख प्रणव पंड्या को लेकर हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए हरिद्वार एसएसपी को मामले की जांच पूरी कर चार्टशीट 3 माह के भीतर पेश करने के आदेश दिए हैं। वहीं, आरोपी पर कार्रवाई करने की याचिकाकर्ता अधिवक्ता विवेक शुक्ला की याचिका को हाई कोर्ट ने निस्तारित कर दिया है।
मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए हरिद्वार के एसएसपी को 3 माह के भीतर दुष्कर्म मामले की चार्टशीट कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही पीडि़त और उसके परिजनों को उत्तराखंड आने पर सरकार द्वारा सुरक्षा मुहैया कराने को कहा है। एसएसपी हरिद्वार ने कोर्ट में जवाब पेश कर कहाकि कोर्ट के आदेश पर सीआरपीसी की धारा 161 व 164 में पीडि़ता के बयान दर्ज कर लिए हैं।
बता दें कि छत्तीसगढ़ की 24 वर्षीय युवती ने शांतिकुंज प्रमुख डॉ. प्रणव पांड्या पर दुष्कर्म और उनकी पत्नी पर धमकी देने का आरोप लगाया था। जिसके बाद 5 मई को पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। तहरीर में युवती ने बताया था कि शांतिकुंज में रहने के दौरान प्रणव पांड्या ने 4 साल तक उसके साथ दुष्कर्म किया था। तब वो नाबालिग थी और शांतिकुंज में खाना बनाने वाली टीम का हिस्सा थी। जब उसने इस बात को उनकी पत्नी से बताया तो उन्होंने किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी थी, जिसके बाद वो घबरा गई थी। दुष्कर्म का ये मुकदमा दिल्ली में दर्ज कराया गया था, जिसे दिल्ली पुलिस ने हरिद्वार ट्रांसफर कर दिया था। इस मामले में याचिकाकर्ता ने डा. पंड्या का खाता सील करने के साथ ही उत्तराखंड में इनके द्वारा संचालित की जा रही चार्टर्ड यूनिवर्सिटी के ऊपर भी कार्रवाई की मांग की है।