हरिद्वार। देवसंस्कृति विवि का ग्यारह सदस्यीय विद्यार्थियों का एक दल यूरोपीय देश लिथुआनिया से गुरुवार को स्वदेश लौट आया। व्याटूटस मैग्नस विश्वविद्यालय एवं विल्नूस विश्वविद्यालय लिथुआनिया के साथ शैक्षणिक अनुबंध के तहत भारतीय संस्कृति व योग के प्रचार प्रसार तथा लिथुआनियन संस्कृति के अध्ययन के लिए विगत 26 अगस्त से गया था। व्याटूटस मैग्नस विवि में आठ तथा विल्नूस विवि में तीन विद्यार्थियों ने योग, भारतीय संस्कृति के विभिन्न आयामों को विवि में अध्ययनरत विद्यार्थियों के साथ साझा किया। व्याटूटस मैग्नस विवि व विल्नूस विवि अपने स्टाफ एवं विद्यार्थियों को ऊर्जावान बनाये रखने के लिए जाने जाते है। साथ ही देसंविवि के दल ने लिथुआनिया देश की संस्कृति का अध्ययन किया। अपने चार माह के शैक्षणिक प्रवास के दौरान देसंविवि के छात्र-छात्राओं ने लिथुआनिया के युवाओं के लिए योगासन, प्राणायाम, भारतीय संस्कृति के विभिन्न गतिविधियों को सैद्धांतिक व प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया।
दल के सकुशल वापस लौटने देसंविवि के कुलाधिपति डॉ. प्रणव पण्ड्या व कुल संरक्षिका शैलदीदी ने प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि विवि अपने विद्यार्थियों के चहुंमुखी विकास के लिए कटिबद्ध है। अपने शैक्षणिक अनुबंधों के आधार पर देसंविवि परिवार देश-विदेश के शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययन करने एवं भारतीय संस्कृति को पहुंचाने में जुटा है। इसी कड़ी में विगत 26 अगस्त को विवि छः छात्र एवं पांच छात्राओं के एक दल को लिथुआनिया भेजा गया था। इस दल का कार्यक्रम उपलब्धि भरा रहा। देसंविवि के कुलपति शरद पारधी, प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या, कुलसचिव बलदाऊ देवांगन सहित विवि परिवार दल की सफलता पर खुशी जाहिर की है। इस दल में बीएससी के देवांशु शर्मा, बीए के कार्तिकेय मिश्रा, रुचि टिक्को, भृगु बग्गा, तेजस्वी देवांगन, स्वर्णिम संतोष, बीसीए के रुद्राक्ष शर्मा, गौरव जोशी, एमबीए के प्राची अग्रवाल, एमए की शिल्पी प्रकाश व चित्रा कश्यप में शामिल रहे।