हरिद्वार। लॉकडाउन के कारण लोग विभिन्न राज्यों में फंसे हुए हैं। जिस कारण उनको व उनके परिजनों को तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। लोग अपने घर वापस आने के लिए पूरी कोशिश में लगे हुए हैं। बावजूद इसके उनके घर वापस आने में अनेक अड़चने आ रही हैं। हालांकि सरकार द्वारा रेल द्वारा प्रवासियों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए रेल सेवा की शुरूआत की है। किन्तु कुछ लोग ऐसे स्थानों पर फंसे हैं जहां रेल सुविधा नहीं है। उनके समक्ष सबसे अधिक विकट स्थिति है।
अपने घर आने के लिए प्रशासन द्वारा ई पास की सुविधा भी लोगों को दी जा रही है। बावजूद इसके आम आदमी के लिए ई पास पाना किसी जंग जितने से कम नहीं हैं। ई पास बनावाने के लिए भी लोग भटक रहे हैं। हालांकि ई पास बनवाने के लिए ऑन लाईन आवेदन करना होता है। किन्तु यहां भी भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है। पहुंच वाले व्यक्तियों का ई पास बिना किसी बाधा है बन रहा है। जबकि आम आदमी को ई पास बनवाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। इसके बाद भी पास बन जाए जो समझिए भगवान की आप पर विशेष कृपा हो गयी। हरिद्वार में कुछ परिवार ऐसे हैं जिनके परिजन किसी कार्यवश बाहर गए थे, जो लॉकडाउन के कारण वहीं पर फंसे हुए हैं। ई पास बनने के बाद उनमें आस जगी थी कि अब उनकी घर वापसी हो जाएगी, किन्तु कुछ के लिएयह आस आस ही रह गयी। प्रशासन द्वारा कई लोगों के आवेदन निरस्त कर दिए गए। कारण यह की प्रशासन द्वारा केवल जाने की अनुमति दी जा रही है। यदि किसी को अपने परिवार को लेने के लिए दूसरे शहर में जाना हो तो उसके लिए आपको अनुमति नहीं दी जा रही है। किन्तु कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें दूसरे शहर में आने और जाने की अनुमति आसानी से दी जा रही है। आम आदमी को यह कहकर पास नहीं दिया जा रहा है कि केवल प्रशासन जाने की अनुमति दे सकता है। जबकि पहुंच वालों को आने और जाने का पास जारी किया जा रहा है। यूपी के विधायक अमनमणि को लॉकडाउन के बाद बदरीनाथ जाने की अनुमति देना सबसे बड़ा उदाहरण है। ऐसे में आम आदमी लॉकडाउन के साथ सिस्टम में व्याप्त भ्रष्टाचार से भी परेशान है।