थायराइड गले की ग्रंथि होती है, जिससे थायरोक्सिन हार्मोन बनता है। इस हार्मोन का संतुलन जब बिगड़ने लगता है, तब ये एक गंभीर रोग की शक्ल ले लेता है। ये हार्मोन जब कम होता है तो शरीर का मेटाबॉलिज्म काफी तेज होने लगता है और शरीर की ऊर्जा जल्दी कम होने लगती है।
जब ये हार्मोन अधिक हो जाए तो मेटाबॉलिज्म रेट काफी धीरे होने लगता है, जिस वजह से शरीर में ऊर्जा कम बनती है और सुस्ती,थकान बढ़ने लगती है।ये रोग 55% महिलाओं में अधिक होता है।
थायराइड दो तरह का होता है
हाइपो थायराइड
हाइपर थायराइड
हाइपर थाइरोइड होने पर शरीर में थायराइड हार्मोंस कम होने लगते है, हाइपोथायराइड में हार्मोंस बढ़ने लगते है।
इसके उपचार के लिए लोग कई प्रकार की दवा का सेवन भी करते है। लेकिन यदि आप थायराइड जड़ से खत्म करना चाहते है तो प्रकृति में इसका सटीक उपाए उपलब्ध है।
हाइपर थायराइड के लक्षण
वजन कम होना, हार्ट बीट तेज होना, पसीना ज्यादा आना, हाथ और पैरों में कपकपी होना आदि हैं।
हाइपो थायराइड के लक्षण
वजन बढ़ना, कब्ज रहना, भूख कम लगना, स्किन रूखी होना, ठंड जादा लगना, आवाज में भारीपन आना, आँखो और चेहरे पर सूजन, सिर, गर्दन और जोड़ों में दर्द होना
थायराइड होने का कारण
अधिक तनाव लेने से भी थायराइड ग्रंथि पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
भोजन में आयोडीन कम या ज्यादा प्रयोग करने से भी थाइरोइड की समस्या हो जाती है।
परिवार में अगर किसी को थाइरोइड हो तो दूसरे सदस्यों को भी थाइरोइड होने की संभावना बढ़ जाती है।
प्रेगनेंसी के समय शरीर में हारमोन में बदलाव आते है, गर्भवती महिला को थाइरोइड होने की संभावना अधिक होती है।
प्रोटीन पाउडर, सप्लीमेंट्स या कैप्सूल के रूप में सोया के प्रोडक्ट्स के अधिक सेवन से थायराइड होने की संभावना बढ़ती है।
प्रदूषण का बुरा असर हमारी हेल्थ पर पड़ता है जिस वजह से साँस के रोग हो जाते है।प्रदूषण से हवा में मौजूद जहरीले कण थाइरोइड ग्रंथि को भी नुकसान करते है।
प्राकृतिक चिकित्सा या देसी नुस्खों से थाइरोइड का इलाज
हल्दी दूधः-
थायराइड कण्ट्रोल करने के लिए आप रोजाना दूध में हल्दी को पका कर पिए।अगर हल्दी वाला दूध न पिया जाये तो हल्दी को भून कर इसका सेवन करे।
तुलसी और एलोवेराः-
दो चम्मच तुलसी के रस में आधा चम्मच एलोवेरा जूस मिला कर सेवन करना भी इस बीमारी से छुटकारा पाने का उत्तम उपाय है।
लाल प्याजः-
प्याज को बीच से काट कर दो टुकड़े कर ले और रात को सोने से पहले थायराइड ग्रंथि के आस पास मसाज करे। इसके बाद गर्दन से प्याज का रस को धोये नहीं।
हरा धनियाः-
थायराइड का घरेलू ट्रीटमेंट करने के लिए हरा धनिया पीस कर चटनी बनाये और एक गिलास पानी में एक 1 चम्मच चटनी घोल कर पियें।
इस उपाय को जब भी करे ताजी चटनी बना कर ही सेवन करे।
ऐसा धनिया ले जिसकी सुगंध अच्छी हो। इस देसी नुस्खे को नियमित रूप और सही तरीके से करने पर थायराइड कंट्रोल में रहेगा।
लौकी का जूसः-
रोजाना सुबह खली पेट लौकी का जूस पिने से भी थाइरोइड खत्म करने में मदद मिलती है।जूस पीने के आधे घंटे तक कुछ खाये पिए नहीं।
बादाम और अखरोटः-
बादाम और अखरोट में सेलीनीयम तत्व मौजूद होता है जो थायराइड के इलाज में फायदा करता है। इस के सेवन से गले की सूजन से भी आराम मिलता है।
हाइपोथायराइड में ये उपाय ज्यादा फायदा करते हैं
अश्वगंधाः-
रात को सोते वक्त एक चम्मच अश्वगंधा चूर्ण गाय के गुनगुने दूध के साथ सेवन करे।लम्बाई बढ़ाने के लिए ये है आयुर्वेद का अचूक नुस्खा, हर उम्र में होगा कारगर
काली मिर्च:-
काली मिर्च थायराइड का उपचार में काफी फयदेमंद है। किसी भी तरीके से ले।आप काली मिर्च का सेवन करे आप को फायदा करेगी।
निम्बू की पत्तियों का सेवनः-
थायराइड को नियमित करता है, इसका सेवन करने से थाइरोक्सिन के अत्यधिक मात्रा में बनने पर रोक लगती है और इसकी पत्तियों की चाय भी बनाकर पी जाती है।
वैध दीपक कुमार (कनखल)