हरिद्वार। पूर्व विधायक अम्बरीष कुमार ने कहा कि हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र में हजारों लोग भूमि और व्यवसाय स्थल न होने से विभिन्न विभागांे की भूमि पर काबिज हंै। इस समस्या पर उच्च न्यायालय ने विकल्प देने का निर्णय सुनाया और चित्रा टॉकीज के सामने खोखे वालों की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने भी विकल्प का आदेश दिया। परंतु गरीबों की आवाज सरकार और प्रशासन के कानों तक नहीं पहुंची। इसीलिए चित्रा टॉकीज के सामने चाय का व्यवसाय करने वाले कमल शर्मा ने आत्महत्या कर ली। उन्होंने कहाकि इस संबंध में 18 सितंबर को प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि ऐसे लोगों को अस्थाई और कुछ समय में बाद स्थाई विकल्प की व्यवस्था की जाए। पत्र की प्रतिलिपि नगर विकास मंत्री, आयुक्त गढ़वाल, मेला अधिकारी कुंभ, जिलाधिकारी हरिद्वार को प्रेषित की गई थी। परंतु लगता है कि सरकार और प्रशासन गरीबों की समस्या पर विचार करना नहीं चाहता। अफसोस की बात यह है कि सरकार और प्रशासन गरीबों की समस्या पर कोई विचार करने को तैयार नहीं है। उन्होंने सरकार और प्रशासन के इस मुद्दे पर संवेदनहीन रवैये की निंदा की।