पौड़ी। राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए उत्तराखंड से तीन छात्रों को चुना गया है। इनमें पौड़ी जिले के एक ही स्कूल से दो छात्रों को संयुक्त रूप से और रुद्रप्रयाग जिले के एक छात्र को चयनित किया गया है। इन जांबाज छात्रों की वीरता के लिए गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजधानी दिल्ली में इन्हें सम्मानित किया जाएगा।
पौड़ी जिले के दूरस्थ ब्लॉक में शुमार नैनीडांडा के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डुंगरी के कक्षा 9वीं में पढ़ने वाले दो छात्र आयुष ध्यानी और अमन सुंद्रियाल ने स्कूल की प्रधानाध्यापिका मीना रवि के साथ मिलकर न सिर्फ जंगल की आग को बुझाया, बल्कि स्कूल तक पहुंचने वाली आग को भी नियंत्रित किया। दरअसल, बीते साल 2022 के मई माह में भीषण गर्मी के चलते जंगल वनाग्नि से जल रहे थे। वनाग्नि फैलते हुए उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डुंगरी तक पहुंच गई। दोपहर होने तक स्कूल की भी छुट्टी हो रही थी। तभी वनाग्नि स्कूल के आसपास तक पहुंच गई। जिस पर अन्य बच्चे अपने घरों के लिए दौड़ पड़े। जबकि अमन और आयुष ने प्रधानाध्यापिका के साथ अपनी जान पर खेलकर आग बुझायी।
हैरानी तो इस बात की है कि इन सभी ने अपनी जान पर खेलकर बिना किसी उपयुक्त औजार के जंगल की आग पर नियंत्रण पाया। जिससे स्कूल भवन के साथ-साथ बहुमूल्य पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंचने से पहले ही बचा लिया गया। जिसके लिए इन छात्रों के साथ साथ प्रधानाध्यापिका की भी क्षेत्र में जमकर सराहना हुई। जिसके बाद प्रधानाध्यापिका ने दोनों बच्चों के नाम इस साहस के लिए सितंबर 2022 में राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए उत्तराखंड राज्य बाल कल्याण परिषद देहरादून को भेजा। परिषद ने छात्रों के अंतिम चयन के लिए आवेदन नई दिल्ली को प्रेषित किया। अब इन जांबाज छात्रों के नाम पर वीरता पुरस्कार मिलने की मुहर लग गई है।
इस पर माता-पिता व गुरुजनों के साथ ही अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा महावीर बिष्ट व मुख्य शिक्षाधिकारी डॉ. आनंद भारद्वार व प्रधानाध्यापिका मीना रवि ने प्रसन्नता जताई है। कक्षा नौवीं के छात्र आयुष ध्यानी नैनीडांडा ब्लाक के मुरगढ़ गांव के रहने वाले हैं। पिता शाम लाल ध्यानी व माता रानी देवी हैं। ध्यानी दंपति के दो बेटे हैं। जिसमें आयुष छोटा है जबकि उसका बड़ा भाई अनंत ध्यानी कक्षा 11 में पढ़ता है। अमन सुंद्रियाल डुंगरी गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता अनिल सुंदरियाल व माता भुवनेश्वरी सुंद्रियाल हैं। सुंद्रियाल दंपति के भी अमन और नमन दो बेटे हैं। जिसमें अमन बड़ा व नमन छोटा है। जो कि चौथी कक्षा में पढ़ता है।
वहीं नितिन रुद्रप्रयाग के तमिंड गांव के रहने वाले हैं। चंडिका मंदिर जाते हुए मार्ग में एक गुलदार से इनका सामना हो गया था। नितिन ने हिम्मत दिखाते हुए हमलावर गुलदार से मुकाबला किया। नितिन ने गुलदार से खुद और अपने भाई की जान बचाई। ये घटना 12 जुलाई 2021 की है।