हरिद्वार। तीर्थनगरी में गोवर्धन पूजा यानी अन्नकूट का त्योहार श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया गया। इस दिन गौ पूजा का खास महत्व माना जाता है। साथ ही भगवान श्रीकृष्ण को छप्पन भोग भी लगाया जाता है।
मान्यता है कि आज ही के दिन भगवान कृष्ण ने ब्रजवासियों की रक्षा के लिए अपनी दिव्य शक्ति से विशाल गोवर्धन पर्वत को छोटी उंगली में उठाया था। जिससे हजारों जीव-जतुंओं और ब्रजवासियों को भगवान इंद्र के कोप से बचाया था। जिसके बाद इंद्र देव का घमंड चूर-चूर हुआ था। उन्होंने गोवर्धन पर्वत की पूजा भी की थी। तब से ही इस पर्व को गोवर्धन पूजा के रूप में मनाया जाता है। तीर्थनगरी में भी गोवर्धन पूजा धूमधाम से की गयी। कई जगहों पर मंदिरों और घरों में गाय के गोबर से गोवर्धन बनाए गए। माना जाता है कि गोवर्धन पूजा के दिन गौ पूजा करने और गाय को अन्न, वस्त्र उपहार स्वरूप देने से घर में सुख-समृद्धि आती है। जिसे लेकर लोग सुबह से ही गाय की सेवा और पूजा में जुटे रहे। मंदिरों में भी विधि-विधान के साथ गोवर्धन पूजा की गयी। गोवर्धन पूजन के लिए घरों व आश्रम-अखाड़ों मंे अन्नकूट का प्रसाद बना। लोगों ने भगवान गोवर्धन की पूजा कर सुख-समृद्धि की कामना की। कुछ लोग गोवर्धन पूजन सुबह के समय मनाते हैं जो कुछ सायंकाल गोवर्धन पूजन करते हैं। गोवर्धन पूजन पर गन्ना, शकरकंद आदि की बिक्री भी खूब हुई।