हरिद्वार। देश भर में कोरोना वाइरस चरम पर है ऐसे में सभी विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत्त छात्र-छात्राओं की परीक्षाओं को लेकर असमंजस कि स्थिति बनी हुई है। ऐसे में गुरुकुल काँगड़ी विश्वविद्यालय में परीक्षाओं को सम्पन्न कराने के लिए एक बैठक बुलाई गयी। जिसमें परीक्षा कराने के निर्णय लिए गए। इस संदर्भ में गुरुकुल काँगड़ी विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर एमआर वर्मा ने बताया कि सत्र 2019-20 में अध्ययनरत जिन छात्र-छात्राओं की सत्रीय परीक्षायें अभी नही हुई हैं, उनकी सत्रीय परीक्षायें 01 से 20 जुलाई के मध्य ऑनलाइन करायी जायेंगी। सत्रीय परीक्षा का प्रारुप बहुविकल्पीय वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का होगा। यह परीक्षा 01 घंटे की होगी जिसमें 30 प्रश्न पूछे जायेंगे। प्रत्येक प्रश्न 01 अंक का होगा। सत्रीय परीक्षाओं के लिये परीक्षार्थी पाठ्यक्रम पढ़ाने वाले अपने शिक्षक-शिक्षकाओं अथवा विभागाध्यक्षों से सम्पर्क कर परीक्षा तिथि, सिलेबस एवं किस ऑनलाइन माध्यम से परीक्षा कराई जायेगी इसकी जानकारी प्राप्त करेंगे। इन आनलाइन परीक्षाओं में वे विद्यार्थी भी सम्मिलित हो सकते हैं जिन्होंने पहले ऑफलाइन परीक्षा दे रखी हैं, किन्तु दुबारा परीक्षा देने के इच्छुक हैं। उन्हांेने बताया कि इन ऑनलाइन सत्रीय परीक्षाओं में यदि कोई परीक्षार्थी किसी कारणवश भाग नहीं ले पाता है तो विश्वविद्यालय खुलने के बाद सम्बन्धित विभाग द्वारा उसकी ऑनलाइन सत्रीय परीक्षा विश्वविद्यालय में ही कराई जायेगी। तत्पश्चात उसका इस सत्र का परीक्षा परिणाम घोषित किया जायेगा।
प्रोफेसर वर्मा ने बताया कि यूजीसी के दिशानिर्देश के अनुरुप वर्तमान सत्र के छात्र-छात्राओं के लिये सेमेस्टर परीक्षायें आयोजित नहीं की जायेंगी। उनका परीक्षा परिणाम उनके द्वारा इस सत्र में प्राप्त सत्रीय परीक्षाओं के अंक तथा पिछले सेमेस्टर, सेमेस्टरों में प्राप्त अंको के औसत का योग कर घोषित किया जायेगा। प्रयोगात्मक परीक्षा के लिये पिछले सेमेस्टर, सेमेस्टरों की प्रयोगात्मक परीक्षाओं के प्राप्तांको का औसत तथा सैद्धान्तिक परीक्षाओं के लिये पिछले सेमेस्टर, सेमेस्टरों के प्राप्तांको का औसत लिया जायेगा। जो परीक्षार्थी पिछले सेमेस्टर, सेमेस्टरों के किसी प्रश्नपत्र की परीक्षा में फेल अथवा अनुपस्थित थे उन्हें भविष्य में होने वाली विश्वविद्यालय की ऑफलाइन परीक्षाओं में नियमानुसार अवसर दिया जायेगा। आगे होने वाली ऑफलाइन परीक्षा में उनके द्वारा प्राप्त अंको के अनुसार इस सेमेस्टर में अंको के औसत के आधार पर दिये गये उनके परीक्षा परिणाम को सुधार दिया जायेगा।
उन्होने बताया कि परीक्षार्थियों की पुनः परीक्षा स्थिति सामान्य होने पर भारत सरकार के निर्देशानुसार विश्वविद्यालय खुलने के बाद विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम की समस्त परीक्षायें दे चुके उन परीक्षार्थियों की पुनः परीक्षा के साथ कराई जायेगी। इस रिपीट परीक्षा में अन्तिम सेमेस्टरों के परीक्षार्थी अपने ऑड व ईवन दोनांे सेमेस्टरों की रिपीट परीक्षा दे सकते हैं। अन्य सेमेस्टर के परीक्षार्थी सिर्फ ईवन सेमेस्टरों की रिपीट परीक्षा देगें। उनके ऑड सेमेस्टर के रिपीट परीक्षा अगली ऑड सेमेस्टर की परीक्षा के साथ करायी जायेंगी। विश्वविद्यालय के जिन विभागों में विद्यार्थियों के द्वारा अंतिम सेमेस्टर में लघु शोध प्रबन्ध जमा करने की व्यवस्था है, उनके लघु शोध प्रबन्ध की मौखिक परीक्षाएँ ऑनलाइन माध्यम से आंतरिक परीक्षक द्वारा विभाग स्तर पर सम्पन्न करायी जाएगी। जिन विद्यार्थियों को अपने लघु शोध प्रबन्ध के लिये कार्य अनुभव का प्रमाण पत्र किसी भी कारण से नहीं मिल पाया है, वे छात्र-छात्रायें अपने द्वारा किये गये लघु शोध कार्य का शपथपत्र विभागाध्यक्ष के पास जमा करेगें। इस कार्यवाही के पूर्ण होने के उपरान्त उनकी मौखिकी परीक्षा विभागीय स्तर पर ऑनलाइन सम्पन्न करायी जायेगी। इसके अतिरिक्त जिन विद्यार्थियों के लघु शोध प्रबन्ध पूर्ण नही हुए हैं उनके लिए विभाग स्तर पर असाइनमेंट के द्वारा उनका मूल्यांकन कर, इसके अंक परीक्षा नियन्त्रक कार्यालय को भेजे जायेगें। उन्होने बताया कि विश्वविद्यालय में पीएचडी कर रहे शोधार्थियों के लिए 01 से पीएचडी शोध प्रबन्ध के साथ एंटी व प्लेग्रिज्म् का प्रमाण पत्र संलग्न करना अनिवार्य होगा। उसके अभाव में शोध प्रबन्ध मूल्यांकन के लिए नहीं भेजा जायेगा।