हरिद्वार। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहाकि श्री गुरु नानक देव महाराज महान युगपुरुष थे। गुरूनानक देव ने अपना पूरा जीवन समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने में समर्पित किया। ऐसे महान युगपुरुष की आज के समय में बहुत आवश्यकता है। गुरूनानक देव के 550वें प्रकाशोत्सव के अवसर पर बुधवार को ग्राम ऐथल स्थित गुरूद्वारा यादगार श्री गुरू अमरदास से प्रारम्भ हुई नगर कीर्तन यात्रा के शुभारम्भ पर उपस्थित साध संगत को संबोधित करते हुए श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा कि गुरु नानक देव सिख धर्म के संस्थापक ही नहीं, अपितु मानव धर्म के उत्थानकर्ता थे। वे केवल किसी धर्म विशेष के गुरु नहीं अपितु संपूर्ण सृष्टि के जगद्गुरु थे। संसार में पीडि़त मानवता के उद्धार के लिए स्वयं परमेश्वर ने गुरूनानक देव को धरती पर अवतरित किया। गुरु नानक देव का जीवन एवं धर्म दर्शन युगांतकारी लोकचिंतन दर्शन था। उन्होंने सांसारिक यथार्थ से नाता नहीं तोड़ा। सहज योग के हामी गुरूनानक देव संसार का त्याग करने के खिलाफ थे। उनका मानना था कि संसार का त्याग कर मनुष्य स्वयं का अथवा लोक का कल्याण नहीं कर सकता। स्वाभाविक एवं सहज जीवन को अपनाकर ही लोक कल्याण किया जा सकता है। इसीलिए उन्होंने गृहस्थ जीवन में रहकर ही लोक कल्याण के कार्य किए। कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि गुरूनानक देव का संदेश है कि अंतर्मन से ईश्वर का नाम जपो, ईमानदारी एवं परिश्रम से कर्म करो तथा अर्जित धन से असहाय, दुःखी पीडि़त, जरूरततमंद इंसानों की सेवा करो। यही सिख धर्म का मुख्य आधार है। लकसर विधायक संजय गुप्ता ने सभी को गुरूनानक देव के प्रकाशोत्सव की बधाई देते हुए कहा कि गुरूनानक देव की शिक्षाएं तथा उपदेश आज भी पूरी तरह प्रासंगिक हैं। सभी को उनकी शिक्षाओं तथा उपदेशों को अपनाकर देश व समाज सेवा के लिए आगे आना चाहिए। महंत अमनदीप सिंह महाराज ने नगर कीर्तन यात्रा में पधारे सभी संत महापुरूषों का फूलमालाएं पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर महंत सतनाम सिंह, महंत रंजय सिंह, महंत प्रेमदास, महंत त्रिवेणी दास, बाबा लक्खा सिंह, बाबा गुरमुख सिंह, बाबा तरन सिंह, संत रोहित सिंह, स्वामी जगदीशानंद, स्वामी चिदविलासानंद, स्वामी भगवत स्वरूप, महंत श्यामप्रकाश, महंत प्यारा सिंह, महंत दुर्गादास, बाबा हठयोगी, महंत निर्मलदास, महंत दर्शन सिंह, महंत आशुतोष पुरी आदि सहित बड़ी संख्या में संत महापुरूष उपस्थित रहे। बैण्ड बाजों के साथ पंच प्यारों की अगुवाई में शुरू हुई नगर कीर्तन यात्रा में शामिल फूलों से सजी पालकी में विराजमान गुरूग्रंथ साहिब का जगह-जगह श्रद्धालुओं द्वारा पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया।