हरिद्वार। हरिद्वार लिटरेचर फेस्टिवल के दूसरे दिन शनिवार को बॉलीवुड के प्रसिद्ध गीतकार समीर अनजान की रचनात्मक यात्रा पर केन्द्रित एक विशेष संवाद सत्र का आयोजन किया गया।
बॉलीवुड में अपनी संघर्ष यात्रा पर के बारे में बताते हुए समीर अनजान ने कहा जीवन में कुछ भी सरलता से हासिल नहीं होता है। दुनिया की हर उपलब्धि की अपनी एक तयशुदा कीमत होती है। यह पाठ उन्हें उनके पिता गीतकार अनजान ने पढ़ाया था कि जन्नत को हासिल करने के लिए मरना पड़ता है। समीर के लिए उनके पिता गीतकार अनजान ही प्रेरणा के स्रोत रहें हैं।
समीर अनजान ने कहा कि चाहे भी कोई क्षेत्र हो जब तक आप अपने दिल की नहीं सुनेंगे आपका सफल होना संदिग्ध रहेगा। फिल्म और साहित्य के रिश्तों पर बात करते हुए कहा कि विधा के तौर पर फिल्मी गीत भी साहित्य का अभिन्न अंग हैं। शिल्प के तौर पर जरूर वहां अपनी कुछ सीमाएं है परन्तु यदि गीत मनुष्य के हृदय को छूता है तो वह निश्चित रूप से मनुष्य के अंदर संवेदनशीलता को बढ़ाता हैं।
कहाकि सबसे मुश्किल होता है आसान भाषा में गहरी बातें लिखना इसलिए फिल्मों में गीत लिखना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। अपने गीतों पर केन्द्रित पुस्तक के बारें में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि साहित्य और रचनात्मकता को संरक्षित करने के लिए उन्होंने अपने गीतों को पुस्तक के रूप में संकलित किया है। उन्होंने कहा किसी भी रचनात्मक व्यक्ति को सतत संवेदना के स्तर की एक खास बेचैनी से गुजरना होता है जब तक यह बेचैनी बची रहेगी तब तक उनकी भी रचनात्मक यात्रा चलती रहेगी।