हरिद्वार कुंभ मेला क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण मामलों को देखकर अब नैनीताल हाईकोर्ट सख्त हो गया है। आज मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य सरकार को कुंभ मेला क्षेत्र में सभी बचे हुए काम जल्द पूरा कर रिपोर्ट के साथ शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं। वहीं, कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि कुंभ मेला क्षेत्र में वैक्सीनेशन 5 हजार से बढ़ाकर 50 हजार प्रतिदिन करें, ताकि कुंभ मेले के दौरान संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
आज मामले में सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव और याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शिव भट्ट की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गई। जिसमें बताया गया कि कुंभ मेला क्षेत्र में कई घाटों की स्थिति बदहाल है, घाट टूटे हैं और महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम की व्यवस्था नहीं है । साथ ही श्रद्धालुओं के लिए सैनिटाइजेशन समेत अन्य व्यवस्था नहीं की गई है। एसपीएस अस्पताल, दूधाधारी अस्पताल, आधार चिकित्सालय, गौरीशंकर अस्पताल व बैरागी कैम्प क्षेत्र में बना 50 बेडरूम के अस्पताल में डॉक्टर की व्यवस्था नहीं है। जिस पर सख्त रुख अपनाते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चैहान की खंडपीठ ने राज्य सरकार को सभी व्यवस्था पूरी कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि मुख्य सचिव खुद 6 अप्रैल को कुंभ क्षेत्र का पुनः निरीक्षण कर 14 अप्रैल तक रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें। बता दें कि हाईकोर्ट के अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि राज्य सरकार के द्वारा उत्तराखंड के 6 अस्पतालों को कोविड-19 के रूप में स्थापित किया है, मगर इन अस्पतालों में कोई भी आधारभूत सुविधा नहीं है। जिसके बाद देहरादून निवासी सच्चिदानंद डबराल ने भी उत्तराखंड वापस लौट रहे प्रवासियों की मदद और उनके लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के लिए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी।