*सड़क पर आश्रम के अवैध निर्माण का आरोप।
बद्रीविशाल ब्यूरो
हरिद्वार। कोतवाली ज्वालापुर क्षेत्र स्थित एक आश्रम द्वारा सड़क की भूमि पर अतिक्रमण कर सैकड़ों दुकानो का निर्माण कर किराए पर दिए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण से 16 अक्टूबर तक जवाब पेश करने को कहा है।
इस पूरे मामले में अगली सुनवाई अब 16 अक्टूबर को होनी है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि न्यायालय के पूर्व के आदेश के क्रम में अभी तक हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण का जवाब नहीं आया है। जिस पर न्यायालय ने हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण से 16 अक्टूबर तक जवाब पेश करने को कहा है। ऐसे में को 16 अक्टूबर तक कोर्ट में जवाब देना होगा।
बताते चलें हरिद्वार निवासी रोहिताश शर्मा ने नैनीताल उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि एक आश्रम की ओर से साढ़े तीन मीटर सड़क की भूमि पर अतिक्रमण करते हुए दुकानों का निर्माण कर उन्हें किराए पर दिया गया है। जबकि यह सड़क हरिद्वार के व्यस्तम मार्गों में से है।
याचिकाकर्ता ने कहा है कि हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण ने वर्ष 2012 में अपनी रिपोर्ट जारी कर कहा था कि सरकारी नक्शे के अनुसार सड़क की चौड़ाई साढ़े सात मीटर होनी चाहिए थी, जो कि वर्तमान स्थिति में साढ़े तीन मीटर कम पाई गई है। इसकी रिपोर्ट याचिकाकर्ता ने सूचना के अधिकार के तहत मांगी तो संबंधित फाइल जिला विकास प्राधिकरण के कार्यालय से नदारद थी।
याचिकाकर्ता की ओर से शिकायत करने पर जनवरी 2024 में इस प्रकरण पर मजिस्ट्रेट के आदेश पर मुकदमा दर्ज हुआ, लेकिन अभी तक पुलिस द्वारा इसकी जांच तक पूरी नहीं हुई।जनहित याचिका में न्यायालय से प्रार्थना करते हुए कहा कि इसमें जो भी अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं, उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने के साथ ही सड़क पर हुए अतिक्रमण को शीघ्र हटाया जाए। इसके अलावा मजिस्ट्रेट के आदेश पर दर्ज मुकदमे की जांच भी जल्द कराई जाए।
उनका आरोप है कि हरिद्वार में धर्म को आधार मानकर आश्रमों द्वारा कई सार्वजनिक स्थानों पर अवैध कब्जा कर व्यावसायिक कारोबार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जनहित को ध्यान में रखते हुए सार्वजनिक स्थानों को अतिक्रमण मुक्त किया जाए।