हरिद्वार। कोरोना संक्रमण के कारण पूरा विश्व संकट में है। हर तबके के व्यक्ति परेशान है। सबसे अधिक हालात उन स्थानों के हैं जो पर्यटन पर पूरी तरह से निर्भर हैं। यहां पर्यटकों के न आने से व्यवसाय पूरी तरह से चौपट हो चुका है। इस कारण लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट भी उत्पन्न हो गया है।
बात यदि तीर्थनगरी हरिद्वार की करें तो यहां भी लोग पूरी तरह से पर्यटन पर निर्भर हैं। चाहे वह धार्मिक पर्यटन हो या फिर मौज-मस्ती वालों का। कोरोना के कारण तीर्थनगरी हरिद्वार का होटल व्यवसाय सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। कोरोना काल से पूर्व जिन लोगों ने होटलों में बुकिंग करवा रखी थी वह भी कैंसिल करवा चुके हैं। यात्रा शुरू होने की उम्मीद में एडवांस बुकिंग की धनराशि को होटल व्यवसायी अपनी व्यवस्थाओं में खर्च कर चुके हैं। ऐसे में अब बुकिंग की धनराशि वापस करना उनके लिए सबसे अधिक मुश्किल भरा साबित हो रहा है। वहीं जिन होटल में लोग आकर ठहर चुके थे उनकी पेमेंट भी नहीं हो पाने से होटल व्यवसाय को खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है। अनलॉक 1 के दूसरे चरण में प्रदेश सरकार ने होटल खोलने की अनुमति दे दी, किन्तु जो शर्तें लागू की गईं उससे होटल व्यवसाय को और अधिक नुकसान उठाना पड़ा। कारण की होटल खुलने की उम्मीद में होटल संचालकों ने अपने कर्मचारियों को बुला लिया, किन्तु यात्री न होने के कारण उनको और अधिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। आर्थिक मंदी के कारण होटल व्यवसाय से जुड़े लोग आत्महत्या जैसे कदम भी उठाने को मूजबूर हो रहे हैं। इसकी बानगी विगत दिनों हरिद्वार में देखने को मिली। वहीं कुछ ग्राहक ऐसे भी हैं जो लम्बे समय तक होटलों में रहे और उनका भुगतान आज तक नहीं किया। बता दें कि विगत दिनों हरिद्वार में एक फिल्म की शुटिंग हुई थी। करीब दो माह तक शुटिंग चली। फिल्म यूनिट से जुड़े लोगों ने तीर्थनगरी के कई होटलों को बुक किया हुआ था। जिसमें यूनिट के सदस्या, कलाकर व अन्य करीब दो माह तक रूके। बावजूद इसके यूनिट लीडर ने होटलों का भुगतान नहीं किया। सूत्र बताते हैं कि फिल्म लाईन प्रोड्यूसर से कई बार होटल संचालकों द्वारा सम्पर्क करने के बाद भी वे भुगतान करने को तैयार नहीं हैं। जिस कारण होटल व्यवसायियों को इस महामारी के चलते भुगतान न होने की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। सूत्र बताते हैं कि होटल संचालक लाखों रुपये का भुगतान न होने के कारण खासे परेशान हैं। तकादे के बाद भी भुगतान में आनाकानी करने के के चलते उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है।